
आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं‘, नालंदा यूनिवर्सिटी से PM मोदी
आप सोच के देखें कि आज कल की यूनिवर्सिटीज कैसी होती है ! बड़ा कैंपस , अलग अलग डिपार्टमेंट्स, कई कॉलेज, बहुत से प्रोफेसर , बडी लाइब्रेरी , हॉस्टल आदि उसमें होते हैं
अभी ऐसी ही एक यूनिवर्सिटी के बारे में सोचिए जो आज से 1200-1300 साल पुरानी है ।
नालंदा को खास बनाता है उसका समय जिस वक्त पूरी दुनिया अंधकार के दौर में थी और पश्चिम , अरब धर्मों ने खून की नदियां बहाई हुई थी और लोग अंधविश्वासों में डूबे तब भारत में ऐसी यूनिवर्सिटीज ज्ञान का दीप जलाएं थी ।
नालंदा यूनिवर्सिटी तकरीबन 12 हैक्टेयर से ज्यादा भूमि में फैली हुईं थी । दुनियाभर से विद्यार्थी यहां ज्ञान ग्रहण करने आते थे और सालों यहीं रहते थे ।
नालंदा के रूइंस उसके ग्लॉरियस पास्ट की गवाही देते हैं
ये सच में बहुत खास जगह थी इतिहास में जिसे विदेशी आक्रमणकारियों ने बर्बाद कर दिया । भारत में सामाजिक अंधकार विदेशियों के आक्रमण और भूमि जीतने से नहीं बल्कि नालंदा जैसी यूनिवर्सिटीज को बर्बाद कर देने से आया । अकेले खिलजी ने 3 ऐसी यूनिवर्सिटी बर्बाद की थी उन्हें जला दिया जिसमें विक्रमशिला और ओडांतरपुरी यूनिवर्सिटी भी शामिल थी ।
नालंदा शहर में शैक्षिक संस्थान की स्थापना 5 वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व की है। यह विद्यालय ने 800 साल की लम्बी अवधि के लिए सीखने की अत्यधिक मान्यता प्राप्त संस्था के रूप में कार्य किया था। यह विश्वविद्यालय 5 वीं और 6वीं शताब्दी के समय में गुप्त वंश के राजाओ के संरक्षण में फला-फूला था । 7वीं शताब्दी में कन्नौज के सम्राट हर्षवर्धन के शासन में भी विश्वविद्यालय की वृद्धि होता रहा और उसकी लोकप्रियता 9वीं शताब्दी तक बरक़रार रही थी। उसके पश्यात उसका पतन शुरू हो गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार के राजगीर पहुंचकर नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन (PM Modi Inaugurates Nalanda University Campus) किया. पीएम मोदी ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के पास नए परिसर का उद्घाटन किया. इससे पहले पीएम मोदी ने यूनिवर्सिटी की धरोहर देखी. इस कार्यक्रम में विदेश मंत्री एस जयशंकर और आसियान देशों के प्रतिनिधियों समेत 17 देशों के राजदूत भी शामिल हुए. विदेश मंत्री एस जयशंकर का स्वागत जिला मजिस्ट्रेट डॉ. त्यागराजन ने किया.बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी प्रधानमंत्री के साथ कार्यक्रम में शामिल रहे.
राजगीर के अंतरराष्ट्रीय नालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस में कुल 24 बड़ी इमारतें हैं. परिसर में 40 कक्षाओं वाले दो शैक्षणिक ब्लॉक हैं, जिनकी कुल बैठने की क्षमता लगभग 1900 है. इसमें 300 सीटों की क्षमता वाले दो सभागार हैं. इसमें लगभग 550 छात्रों की क्षमता वाला एक छात्र छात्रावास है. इसमें अंतरराष्ट्रीय केंद्र, 2000 व्यक्तियों तक की क्षमता वाला एम्फीथिएटर, फैकल्टी क्लब और खेल परिसर सहित कई अन्य सुविधाएं भी हैं. यह परिसर एक ‘नेट जीरो’ ग्रीन कैंपस है. यह सौर संयंत्र, घरेलू और पेयजल शोधन संयंत्र, अपशिष्ट जल के पुन: उपयोग के लिए जल पुनर्चक्रण संयंत्र, 100 एकड़ जल निकाय और कई अन्य पर्यावरण अनुकूल सुविधाओं के साथ आत्मनिर्भर रूप से कार्य करता है.