
भारत से योग का संबंध सालों पुराना है. आप ये भी कहते हैं कि भारतीय संस्कृति और वेदों में योग एक प्रमुख अंग है. आज जब पूरी दुनिया योग के अहमियत को समझ रही है, तो इसका श्रेष्य भारत के योगगुरुओं को जाता है. जिनके प्रयास से दुनियाभर में योग पहुंचा है. अब सवाल है कि योग दिवस की शुरूआत कैसे हुई थी? बता दें कि पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था. उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी. बता दें कि इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला था. जिसके बाद पहली बार दुनियाभर में योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया थावर्ष 2024 में, 10th International Yoga Day के लिए “Yoga For Self And Society” थीम के साथ मनाया जाएगा। यहाँ विश्व योग दिवस की शुरुआत से लेकर अब तक की थीम की सूची दी गई है:
संस्करण | वर्ष | विषय |
प्रथम संस्करण | 2015 | सद्भाव और शांति के लिए योग |
दूसरा संस्करण | 2016 | सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए योग |
तीसरा संस्करण | 2017 | स्वास्थ्य के लिए योग |
चौथा संस्करण | 2018 | शांति के लिए योग |
5वां संस्करण | 2019 | हृदय के लिए योग |
6वां संस्करण | 2020 | घर पर योग और परिवार के साथ योग |
7वां संस्करण | 2021 | स्वास्थ्य के लिए योग |
8वां संस्करण | 2022 | मानवता के लिए योग |
9वां संस्करण | 2023 | वसुधैव कुटुम्बकम के लिए योग (एक परिवार के रूप में विश्व के लिए योग) |
10वां संस्करण | 2024 | स्वयं और समाज के लिए योग |
हर साल 21 जून के दिन ही क्यों योग दिवस मनाया जाता है. आखिर इस दिन को योग दिवस के लिए चुनने के पीछे की वजह क्या है? जानकारी के मुताबिक योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का ही दिन निर्धारित करने के पीछे एक खास वजह है. दरअसल 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं. यह दिन साल का सबसे लंबा दिन मना जाता है. ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है, जिसे योग और अध्यात्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. यही कारण है कि 21 जून को योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया था