उदयपुर फाइल्स पर विवाद;कन्हैयालाल की पत्नी का PM मोदी को भावुक पत्र

“पहले मेरे पति को मारा, अब सच दबाया जा रहा है”

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
उदयपुर ;उदयपुर हत्याकांड पर आधारित फिल्म की रिलीज पर रोक के खिलाफ पीड़ित परिवार ने भावनात्मक अपील प्रधान मंत्री मोदी से की है। उदयपुर में दर्जी कन्हैयालाल की बेरहमी से हुई हत्या पर आधारित फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक लगने के बाद यह मामला एक बार फिर से राजनीतिक बहस के केंद्र में आ गया है। इस बार आवाज़ उठाई है खुद कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा ने, जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक भावुक पत्र लिखकर फिल्म की रिलीज की अनुमति देने की मांग की है।
जशोदा ने अपने हाथों से लिखे पत्र में कहा है कि लिखा
मैंने खुद यह फिल्म देखी है। वह तो उनकी हत्या की कहानी है इसमें कुछ भी गलत नहीं है। 3 साल पहले उन्हें मार दिया गया था। अब कपिल सिब्बल कह रहे हैं कि जो हुआ उसे फिल्म में दिखा भी नहीं सकते। बच्चे बता रहे हैं फिल्म पर मोदी सरकार फैसला करेगी। आपको तो पता ही है हमारे साथ कितना गलत हुआ और अब वे लोग ही कोर्ट में जा रहे हैं, जिन्होंने इनको मारा है। आपसे प्रार्थना है की फिल्म को रिलीज करवा दीजिए। ताकि, पूरी दुनिया को सच्चाई पता चल सके एक और निवेदन है कि आप हमें मिलने का समय दे दीजिए मैं अपने दोनों बच्चों के साथ आपसे दिल्ली आकर मिलना चाहती हूं।

कन्हैया लाल की पत्नी ने साफ तौर पर अपने मन की पीड़ा को लिखा है कि पहले मेरे पति को जिहादियों ने मारा, अब उसकी कहानी को दबाया जा रहा है। कपिल सिब्बल कह रहे हैं कि फिल्म नहीं आनी चाहिए, लेकिन मैं पूछती हूं – क्यों? हमारे साथ कितना बड़ा अन्याय हुआ है, दुनिया को यह जानने का यह हक़ है।

यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है और कई संगठन अब फिल्म को रिलीज़ करने की मांग कर रहे हैं। दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर इस फिल्म पर प्रतिबंध है। उदयपुर में भी यह फिल्म रिलीज होनी थी लेकिन वहां पर भी इस पर अब रोक लग गई है। अब सरकार को ही इस पूरे मामले पर फैसला लेना है।

फिल्म पर क्या है विवाद?
फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को लेकर मुस्लिम संगठनों ने आपत्ति जताई है। उनके वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि इससे सामाजिक सौहार्द बिगड़ सकता है। कोर्ट ने फिलहाल फिल्म की रिलीज पर अंतरिम रोक लगा दी है। इसी के बाद कन्हैयालाल की पत्नी ने यह पत्र लिखा।
क्या है मामला?
28 जून 2022 को उदयपुर के धानमंडी इलाके में टेलर कन्हैयालाल साहू की दुकान पर दो कट्टरपंथियों रियाज अटारी और गौस मोहम्मद ने तलवार से दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। वजह महज यह थी कि कन्हैयालाल ने बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में एक पोस्ट की थी, जिन्हें पैगंबर मोहम्मद पर कथित टिप्पणी को लेकर पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। इस घटना ने पूरे देश को हिला दिया था।
21 साल के बेटे यश की प्रतिज्ञा: जब तक फांसी नहीं, तब तक न बाल काटूंगा, न जूते पहनूंगा
कन्हैयालाल के बेटे यश साहू पिछले करीब 3 साल से नंगे पांव हैं और उन्होंने अपने बाल नहीं कटवाए। उनका कहना है कि यह उनकी प्रतिज्ञा है – “जब तक हत्यारों को फांसी नहीं हो जाती, मैं ऐसा ही रहूंगा। भले ही इस घटना के बाद कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार ने कन्हैया लाल के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी दे दी है। NIA भी अब तक जुटी हुई है लेकिन जैसे ही इस मामले के दो आरोपियों को आरोपियों में जमानत दे दी, इंसाफ की आस लगाए, कन्हैया लाल का परिवार और भी ज्यादा परेशान हो गया। यश का कहना है कि जिस दिन मैंने पापा को अग्नि दी थी, उसी दिन मैंने तय किया था कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक मैं अपने जीवन में कोई आराम नहीं लूंगा।
सच को दबाइए मत, न्याय जल्दी दीजिए”

जशोदा के मुताबिक वे नहीं चाहतीं कि उनके पति की हत्या का राजनीतिकरण हो।हमें इंसाफ चाहिए। कोई राजनीति न हो, सिर्फ न्याय मिले – यही हमारी मांग है।” ‘उदयपुर फाइल्स’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक परिवार की सच्चाई है – ऐसा कहना है कन्हैयालाल के परिजनों का। अब सवाल उठता है कि क्या सरकार अभिव्यक्ति की आज़ादी और पीड़ित परिवार की भावनाओं के बीच संतुलन बना पाएगी? या फिर एक बार फिर, न्याय की राह राजनीति की गलियों में भटकती रहेगी?

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