एक्टर विजय की रैली में भगदड़ , 38 की मौत,

मृतक के परिजनों को 10-10 लाख,घायलों को 1-1 लाख के मुआवजे का एलान
प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और विपक्ष के नेता राहुल गाँधी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री स्टालिन रविवार को करूर जाएंगे


न्यूज़ बॉक्स संवाददाता

करूर (तमिलनाडु): एक्टर विजय की रैली के दौरान भगदड़ में 50 से अधिक लोगो की मौत की आशंका हालांकि अब बताये गए आकड़ो के मुताबिक 38 लोगों की मौत हो गयी है , पीएम मोदी, राहुल गांधी और अमितशाह ने घटना पर दुख जाताया, सीएम स्टालिन रविवार को करूर जाएंगे, भगदड़ मामले पर गृहमंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट, राज्य सरकार ने घायलों को 1-1 लाख और मृतक के परिजनों को 10-10 लाख के मुआवजे का किया एलानकिया है। तमिलनाडु के करूर में अभिनेता से नेता बने विजय की रैली के दौरान शनिवार रात अचानक भगदड़ मच गई, जिसमें 38 लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं. राज्य के पूर्व मंत्री और डीएमके नेता वी. सेंथिल बालाजी शनिवार रात करूर के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल पहुंचे. यहां उन्होंने हादसे की ताजा जानकारी साझा की. सेंथिल बालाजी ने बताया कि अब तक भगदड़ में 38 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं 58 लोग घायल होकर अस्पतालों में भर्ती हैं. बालाजी ने आगे बताया कि फिलहाल 46 लोग प्राइवेट अस्पताल में और 12 लोग सरकारी अस्पताल में भर्ती हैं. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन खुद रविवार को करूर जाने वाले हैं और स्थिति का जायजा लेंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा-“तमिलनाडु के करूर में एक राजनीतिक रैली के दौरान हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन परिवारों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं इस कठिन समय में उन्हें शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूं। सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।”

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने ट्वीट किया, “करूर से आ रही खबर चिंताजनक है। मैंने पूर्व मंत्री वी सेंथिलबालाजी और मंत्री मा. सुब्रमण्यम और ज़िला कलेक्टर को फोन करके उन नागरिकों को तुरंत इलाज मुहैया कराने को कहा है जो भीड़ के कारण बेहोश हो गए हैं और अस्पताल में भर्ती हैं। मैंने पास के त्रिची ज़िले के मंत्री अंबिल महेश को भी युद्धस्तर पर ज़रूरी मदद मुहैया कराने का आदेश दिया है। मैंने वहां के ADGP से भी बात की है कि वे जल्द से जल्द हालात सुधारने के लिए कदम उठाएं। मैं जनता से डॉक्टरों और पुलिस के साथ सहयोग करने का अनुरोध करता हूं।”

पुलिस सूत्रों के अनुसार, करूर में विजय की रैली में शुरुआती अनुमान से कहीं अधिक भीड़ उमड़ी. जहां प्रशासन ने लगभग 30,000 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी थी, वहीं स्थानीय रिपोर्टों में दावा किया गया कि करीब 60,000 लोग कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए. आयोजन स्थल को पहले ही एक बार बदला जा चुका था. मूल रूप से यह रैली मध्य करूर में आयोजित की जानी थी, लेकिन पुलिस ने भीड़भाड़ और यातायात से जुड़े खतरों की चेतावनी दी थी, जिसके बाद इसे स्थानांतरित कर दिया गया था.

लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने X पर लिखा, ‘तमिलनाडु के करूर में एक राजनीतिक रैली में हुई दुखद घटना से मैं बेहद दुखी हूं, जिसमें कई अनमोल जानें चली गईं. मैं उनके प्रियजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. मैं कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं से आग्रह करता हूं कि वे पीड़ितों और उनके परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करें और राहत एवं बचाव कार्यों में अधिकारियों के साथ मिलकर काम करें.’
करूर में हादसे को लेकर गृह मंत्रालय ने तमिलनाडु सरकार से रिपोर्ट मांगी है. किन परिस्थितियों में यह हादसा हुआ और बचाव के लिए क्या इंतज़ाम किए गए हैं, प्रदेश सरकार को इस बाबत रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपनी होगी.तमिलनाडु के पूर्व मंत्री और डीएमके नेता वी सेंथिल बालाजी करूर स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल पहुंचे. उन्होंने कहा, ‘58 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. भगदड़ की घटना के बाद, मुख्यमंत्री ने तुरंत मामले की जानकारी ली और ज़िला कलेक्टर, एसपी और मुझे अस्पताल पहुंचने का आदेश दिया. उन्होंने अतिरिक्त डॉक्टर बुलाने और उचित इलाज उपलब्ध कराने की सलाह दी… कल मुख्यमंत्री स्वयं यहां आएंगे. अभी तक, 46 लोग निजी अस्पताल में और 12 लोग सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती हैं.‘

करूर भगदड़ की घटना पर, तमिलनाडु के प्रभारी डीजीपी जी. वेंकटरमण कहते हैं, “सभा की अनुमति दोपहर 3 बजे से रात 10 बजे तक दी गई थी, लेकिन भीड़ सुबह 11 बजे से ही जुटनी शुरू हो गई थी। जब विजय शाम 7:40 बजे पहुँचे, तब तक भीड़ बिना पर्याप्त भोजन और पानी के घंटों इंतज़ार कर रही थी। यही सच्चाई है। विजय ने खुद पुलिस की भूमिका की सराहना की, लेकिन ज़ोर देकर कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को भीड़ प्रबंधन की ज़िम्मेदारी लेनी चाहिए। इसका मतलब यह नहीं है कि पुलिस को 27,000 की पूरी भीड़ के बराबर संख्या में तैनात करना चाहिए। इस दुखद घटना के पीछे के कारणों का पता जाँच के बाद ही चलेगा। एक सदस्यीय आयोग का गठन पहले ही किया जा चुका है। तब तक, मैं इस पर और कोई टिप्पणी नहीं कर सकता।”

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