ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी 5 राज्यों के दौरे पर

बंगाल पर नज़र और बिहार पर रहेगा पूरा फोकस


ऑपरेशन सिंदूर से आतंकियों और पाकिस्तान को जवाब के बाद पीएम मोदी अब ऑपरेशन के और चुनाव के प्रचार -प्रसार में लग गए है । पीएम मोदी 29 मई से 31 मई तक तीन दिन के दौरान पांच राज्यों का दौरा करने जा रहे हैं। पीएम के दौरे में चुनावी राज्य बिहार काफी प्रमुख माना जा रहा है। पीएम मोदी इसके अलावा सिक्किम, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश भी जाएंगे। खास बात है कि इस दौरान बिहार पर पार्टी और पीएम मोदी का खास फोकस है। बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पीएम मोदी इन राज्यों में करोड़ों रुपये के विकास कार्यों का शुभारंभ, शिलान्यास के साथ ही उद्घाटन करेंगे। इसके साथ ही बिहार के दौरे में तो पीएम मोदी पूरी तरह से चुनावी मोड में ही नजर आएंगे। खास बात है कि विपक्षी दल अभी तक जिस तरह से शांत दिख रहे हैं, ऐसे में पीएम मोदी का तूफानी दौरा उनके लिए सबक जैसा है। पिछली बार पीएम मोदी पहलगाम आतंकी हमलों के बाद बिहार पहुंचे थे। उस समय उन्होंने आतंकियों को चुन-चुन कर सबक सिखाने की बात कही थी।

29 मई को 9 साल बाद PM मोदी करेंगे सीमावर्ती जिले अलीपुरद्वार का दौरा, आखिरी बार 2016 विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए आए थे प्रधानमंत्री मोदी 29 मई को अलीपुरद्वार में एक सभा को संबोधित करने के लिए पश्चिम बंगाल के दौरे पर आ रहे हैं जिसकी तैयारियां पुरी कर ली गई है . इसी प्रकार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 1 जून को नेताजी इनडोर स्टेडियम में सभा करेंगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 मई को अलीपुरद्वार जिले दौरा अहम माना जा रहा है इसके एक सप्ताह पहले तीन दिन का मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का उत्तर बंगाल का दौर थ। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी 31 मई को दो दिवसीय दौरे पर राज्य आ रहे हैं 2026 के विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी को कैसे बंगाल में मजबूत किया जाए गृह मंत्री अमित शाह इसकी रणनीति तैयार करेंगे सभी विधायक सांसद और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ यह बैठक तय मानी जा रही है। , प्रधानमंत्री मोदी 29 मई को सिक्किम से अलीपुरद्वार पहुंचेंगे। उस दिन उनकी एक जनसभा और एक प्रशासनिक बैठक है। उन्होंने कहा कि अमित शाह के 31 मई की शाम को शहर पहुंच रहे हैं। वह एक जून को राज्य और जिला स्तर के नेताओं के साथ संगठनात्मक मामलों और पार्टी की रणनीति पर चर्चा के लिए कई बैठकें करेंगे, क्योंकि विधानसभा चुनाव में सिर्फ एक साल का समय बचा है उत्तर बंगाल में ही बीजेपी का गढ़ माना जाता है और यहां पर चाय श्रमिकों की सबसे बड़ी समस्या है टीएमसी पार्टी लगातार इसी उत्तर बंगाल में सेध लगाने की कोशिश में जुटी हुई है ।

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