ऑपरेशन सिंदूर पर सोमवार को संसद में महामुकाबला

विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों अपने-अपने सवालों पर कायम

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली :संसद के मानसून सत्र का दूसरा हफ्ता शुरू होते ही यानी सोमवार को ऑपरेशन सिंदूर पर महामुक़ाबला शुरू होगा । सोमवार को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में होगी बहस। जहाँ सरकार की ओर से खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चर्चा की शुरुआत करेंगे, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हस्तक्षेप कर सकते हैं।लेकिन विपक्ष तैयार है सरकार को घेरने के लिए, खुफिया तंत्र की नाकामी से लेकर ट्रंप के युद्धविराम दावे तक। इन सबके बीच एक यक्ष प्रश्न क्या सरकार जवाब दे पाएगी हर सवाल का?”
सोमवार को महामुकाबला होगा संसद में , देश के सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा का शंखनाद करेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह। गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, निशिकांत दूबे, बिजयंत पांडा भी चर्चा में भाग लेंगे। सरकार ने रणनीति बनाई है कि जवाब पूरी मजबूती और डेटा के साथ दिया जाए।सूत्रों के मुताबिक़, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों सदनों में इस पर हस्तक्षेप कर सकते हैं , वही एनडीए के तरफ़ से जेडीयू के लल्लन सिंह, और टीडीपी से लवु श्री कृष्णदेवरायालु और हरीश बालयोगी इस बहस में हिस्सा लेंगे। सरकार की कोशिश होगी चर्चा को विपक्ष के पलटवार में बदलने की। सरकार का दावा है — ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्रवाई है, और इसमें कोई चूक नहीं हुई। सरकार का दावा है कि वो पूरी जवाबदेही के साथ तैयार हैं। ये समय है आतंक के खिलाफ एकजुटता दिखाने का, न कि सियासी सवालों से देश का मनोबल गिराने का।

दूसरी तरफ विपक्ष ने इस बहस को महज़ सुरक्षा नहीं, जवाबदेही से जोड़ा है।कांग्रेस की ओर से खुद राहुल गांधी बोलेंगे।समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव और राजीव राय, एनसीपी से सुप्रिया सुले, शिवसेना यूबीटी से अरविंद सावंत और श्रीकांत शिंदे।
विपक्ष का फोकस होगा:
• क्या खुफिया तंत्र चूक गया?
• ट्रंप का युद्धविराम दावा कितना सही?
• ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान से संदेश कैसा गया?
• और जनता को कितनी जानकारी दी गई?
विपक्ष सिर्फ ऑपरेशन का जश्न नहीं, सवालों का जवाब भी चाहता है क्यूंकि — देश जानना चाहता है कि क्या इससे पहले कोई तैयारी थी, या फिर सब कुछ अचानक हुआ, ट्रम्प के दावे में कितने दम है कि उन्होंने धमकाकर सीजफायर करवाया।
बहस 16 घंटे की होगी , सदन में पार्टी के ताक़त में अनुसार सभी पार्टियों का टाइम अलॉट किया गया है । टीडीपी को 30 मिनट, समाजवादी पार्टी को 65 मिनट, बीजेपी और कांग्रेस को विस्तृत समय मिला है। सरकार की तरफ से प्रयास है कि पहले सप्ताह का गतिरोध अब न दोहराया जाए। हालांकि, SIR मुद्दे को लेकर कुछ विपक्षी दल अब भी विरोध की राह पर हैं।
फिर भी, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर 16 घंटे की बहस से उम्मीद है कि संसद का सत्र अब पटरी पर लौटेगा।बहस के दौरान भारत की विदेश नीति, सैन्य दृष्टिकोण, और राजनीतिक संप्रेषण सब एकसाथ सामने आएंगे।सोमवार से संसद में शुरू होगी सुरक्षा, राजनीति और जवाबदेही की लंबी लड़ाई।सरकार दावा कर रही है कि हर सवाल का उनके पास जवाब है, और विपक्ष ने रणनीति तैयार कर ली है कि सवालों से पीछे नहीं हटेंगे।अब देखना ये है कि ऑपरेशन सिंदूर पर होने वाली ये ऐतिहासिक बहस — देश को स्पष्टता देगी, या नया सियासी संग्राम खड़ा करेगी।

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