कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्रम्प और मोदी की दोस्ती पर उठाये सवाल

अमेरिकी H1B वीज़ा पर प्रस्तावित पाबंदियों पर सरकार बोली अध्ययन किया जा रहा

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नई दिल्ली- अमेरिकी H1B वीज़ा पर प्रस्तावित पाबंदियों पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्रमोदी की चुप्पी पर X पर दिए सन्देश में कहा कि
‘झुक कर सलाम करने में क्या हर्ज है मगर
सर इतना भी मत झुकाओ कि दस्तार गिर पड़े’
उन्हीने अपने सन्देश में कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प नरेंद्र मोदी के तो दोस्त हैं लेकिन भारत के ख़िलाफ़ निर्णय लेते हैं। इसके अलावा मोदी के कार्यकाल के दौरान अमेरिका द्वारा भारत के एक -एक पॉइंट को लिख कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। प्रधानमंत्री की चुप्पी पर तंज करते हुए उन्होंने लिखा :-
▪️जब भारतीयों को बेड़ियों में जकड़ कर बेइज़्ज़त कर के भेजा जा रहा था, मोदी चुप रहे।
▪️जब व्यापार की धमकी दे कर सीज़ फ़ायर के दावे किए जा रहे थे, मोदी चुप रहे।
▪️जब चाबहार पोर्ट पर भारत के ख़िलाफ़ निर्णय लिया गया, मोदी चुप रहे।
▪️जब भारी भरकम टैरिफ लगाया गया, मोदी चुप रहे।
▪️जब रूसी तेल पर हमारे ख़िलाफ़ कदम उठाए गए, मोदी चुप रहे।
▪️जब H1B वीसा की फ़ीस के ज़रिए हमारे लाखों नौजवानों को नुक़सान पहुँचाया, मोदी चुप रहे।

लेकिन
▪️जब डोनाल्ड ट्रम्प ने मोदी की तारीफ़ की, मोदी चहकने लगे।
▪️जब डोनाल्ड ट्रम्प ने मोदी को ‘माय डियर फ्रेंड’ बोला, मोदी शीर्षासन लगा कर एक्स पर लगे जवाब देनें।
▪️ट्रम्प ने जन्मदिन पर बधाई क्या दे दी, मोदी और उनका भोंपू मीडिया लग गया दिवाली मनाने।

देश का प्रधानमंत्री देश से बड़ा नहीं होता।
यह खुलासा होना चाहिए कि क्या यह दोस्ती किसी को बचाने के लिए है या कुछ राज़ हैं जिन पर पर्दा डालने के लिए है?

उधर अमेरिकी H1B वीज़ा पर प्रस्तावित पाबंदियों की रिपोर्टों पर सरकार ने कहा है कि इसके असर का अध्ययन किया जा रहा है

  • Indian industry ने शुरुआती विश्लेषण पेश कर H1B पर कुछ धारणाओं को स्पष्ट किया है।
  • India-US उद्योग जगत इनोवेशन और क्रिएटिविटी में साझेदार है और आगे की राह पर दोनों के बीच परामर्श अपेक्षित है।
  • Skilled talent की आवाजाही से दोनों देशों में टेक्नोलॉजी, इनोवेशन और आर्थिक विकास को बड़ा सहयोग मिला है। पॉलिसी मेकर्स हालिया कदमों की समीक्षा आपसी लाभ व मजबूत people-to-people संबंधों को ध्यान में रखकर करेंगे।
  • सरकार ने कहा कि यह कदम परिवारों के लिए मानवीय असर डाल सकता है और उम्मीद जताई कि US प्रशासन इन व्यवधानों को दूर करेगा।

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