कुवैत में कैसे लगी भयानक आग कि 40 भारतीयों की हो गई मौत? 

 दक्षिणी कुवैत के मंगफ क्षेत्र में विदेशी मजदूरों वाली एक बहुमंजिला इमारत में भीषण आग लगने से करीब 40 भारतीयों की मौत हो गई और 50 से अधिक अन्य लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि अल-मंगफ नाम की इस इमारत में भीषण आग लगने से कुल 49 लोगों की जान गई है जिनमें से 42 के बारे में माना जा रहा है कि वो भारतीय थे। अन्य पाकिस्तान, फिलीपींस, मिस्र, नेपाल के नागरिक थे। 

कोच्चि एयरपोर्ट पर शुक्रवार सुबह मौत सा सन्नाटा पसरा रहा. कुवैत से जैसे ही 45 भारतीयों के शव लेकर वायुसेना का विशेष विमान लैंड हुआ, हर आंख नम हो गई. मरने वालों के परिजन सुबह से ही एयपोर्ट पर मौजूद थे. केरल सरकार के मंत्री, आला अधिकारी और भारी संख्या में पुलिस बल भी एयरपोर्ट पर मौजूद था. 

कुवैत अग्निकांड में मारे गए लोगों में से 23 नागरिक केवल केरल के ही है 

कब हुआ था हादसा?

कुवैत के मीडिया के मुताबिक आग रसोई में लगी थी, अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं। ये हादसा बुधवार की सुबह 4.30 बजे अल-अहमदी गवर्नरेट के अधिकारियों हादसे की सूचना दी गई थी। इसका मतलब ये आग सुबह लगी थी, जिस वक्त लोग नींद के आगेश में थे। कुवैत के मीडिया के अनुसार निर्माण कंपनी NBTC ग्रुप ने 195 से ज्यादा श्रमिकों के रहने के लिए बिल्डिंग किराए पर ली थी, जिनमें से अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय रह रहे थे।

पीएम मोदी ने की समीक्षा बैठक

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कुवैत में आग लगने से कई भारतीयों की मौत के बाद एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को हरसंभव सहायता मुहैया कराने का निर्देश दिया। पीएम मोदी ने सभी मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है। केरल सरकार भी मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देगी।

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