16 जुलाई को फांसी
माँ बेटी की खातिर अपना घर भी बेच चुकी हैं।

न्यूज़ बॉक्स डेस्क
नयी दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने आज ही कहा है कि इस मामले में सरकार ज़्यादा कुछ नहीं कर सकती – क्योंकि Blood Money को लेकर negotiation प्राइवेट स्तर पर ही हो सकती है। यमन में मौत की सजा का इंतजार कर रहीं केरल की नर्स निमिषा प्रिया को बचाने की हर कोशिश नाकाम होती दिख रही है। निमिषा प्रिया पर एक यमनी नागरिक की हत्या का आरोप है और उन्हें 16 जुलाई को फांसी होने वाली है। उन्हें फांसी की सजा से बचाने के लिए भारत में उनका परिवार हर मुमकिन कोशिश कर रहा है और आज सुप्रीम कोर्ट में निमिषा प्रिया मामले की सुनवाई भी हुई जिसमें केंद्र सरकार ने कह दिया कि निमिषा प्रिया को बचाने के लिए हर संभव कोशिश की जा चुकी है लेकिन सफलता नहीं मिली है। Nimisha Priya मामले में Iran से मदद की उम्मीद थी लेकिन दिल्ली स्थित ईरानी दूतावास के सूत्रों का कहना है कि वर्तमान में क्षेत्र में हो रही घटनाओं के कारण Nimisha के मामले के बारे में कोई नई जानकारी प्राप्त नहीं हुई है।
सुप्रीम कोर्ट में सरकार ने आज ही कहा है कि इस मामले में सरकार ज़्यादा कुछ नहीं कर सकती – क्योंकि Blood Money को लेकर negotiation प्राइवेट स्तर पर ही हो सकती है। निमिषा इस वक़्त Yemen के Houthis Militia के प्रभाव वाले इलाके में कैद है – 16 जुलाई को यमन में अपने पूर्व business partner तलाल अब्दो महदी की कथित हत्या के मामले में फांसी का सामना कर रही हैं। यमनी शरीयत कानून के तहत, यदि महदी के परिवार वाले ‘दिया’ (blood money) स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाएं, तो मौत की सजा टाली जा सकती है। Nimisha की मां 2024 से Yemen में डटी हुई हैं और अपनी बेटी की जान बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं – पैसे जुटाने के लिए अपना घर भी बेच चुकी हैं।