गणपति बाप्पा मौर्य: राजधानी में गणपति महोत्सव की धूम

कोलकाता में भी चारो गणपति बप्पा की भव्य प्रतिमाएं स्थापित

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
कोलकाता : कोलकाता हमेशा से दुर्गा पूजा के लिए जाना जाता था लेकिन इस बार गणेश पूजा की चारों तरफ हो रही है। तरह-तरह पंडाल बनाए गए हैं और कोलकाता का सबसे पुराना पोस्ता का गणेश मंदिर जहां पर हजारों की संख्या भक्तों की भीड़ है। कोलकाता में गणेश स्तुति, जिसे गणेश चतुर्थी या गणेश उत्सव एक प्रमुख लोकप्रिय त्यौहार, जो भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार अब शहर की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा बन गया है, जहाँ विभिन्न प्रकार की भव्य गणेश मूर्तियों की स्थापना की जाती है। कोलकाता के कई क्षेत्रों, जैसे हाजरा और पोस्ता, दशकों पुरानी और प्रसिद्ध गणेश पूजाओं के लिए जाने जाते हैं। यहाँ महाराष्ट्र निवास में एक गणेश पूजा लगभग 80 वर्षों से नियमित रूप से आयोजित हो रही है यह त्यौहार अब कोलकाता की एक विशिष्ट सांस्कृतिक पहचान बन गया है। जहाँ हर उम्र के लोग एक साथ मिलकर बप्पा का स्वागत करते हैं।भव्य आयोजन:गणेश उत्सव के दौरान शहर भर में गणपति बप्पा की भव्य प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं। पंडालों को आकर्षक थीम पर सजाया जाता है।सांस्कृतिक कार्यक्रम: उत्सव के दौरान विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य और संगीत समारोह आयोजित किए जाते हैं, जो पूरे माहौल को भक्तिमय बना देते हैं। सामाजिक सहभागिता:यह त्यौहार सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में लोगों को एक साथ आने और खुशी बांटने का अवसर भी प्रदान करता है।कोलकाता के प्रसिद्ध गणेश मंदिर और पूजा स्थल:महाराष्ट्र निवास (हाजरा): यहां दशकों से गणेश पूजा का नियमित आयोजन होता है, जो कोलकाता की गणेश उत्सव परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। पोस्ता गणेश मंदिर: यह कोलकाता के सबसे पुराने और प्रसिद्ध गणेश पूजा स्थलों में से एक है, जहाँ लाखों की संख्या में भक्त बप्पा के दर्शन के लिए आते हैं। लेक टाउन:लेक टाउन में भी एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर है जो अपनी विशेष शांतिपूर्ण और भक्तिमय वातावरण के लिए जाना जाता है, खासकर “अंबी पूजा” के अवसर पर। गणेश पूजा की तैयारी और रीति-रिवाज: सजावट: भक्त मंडल मंडप और मूर्तियों को सजाते हैं, जिसके लिए रंगोली, फूलों और दीयों का उपयोग किया जाता है। पंडालों का निर्माण: हर साल अलग-अलग थीम पर आकर्षक पंडाल बनाए जाते हैं, जो उत्सव में रंग भरते हैं।पारंपरिक व्यंजन:त्यौहार के दौरान पारंपरिक मीठे और अन्य व्यंजन तैयार करके खाए जाते हैं और एक-दूसरे को खिलाए जाते हैं

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