जेल में सिर्फ कैदी बंद या कानून ?

* कैदियों के साथ पुलिसकर्मियों की एय्याशी *इलाज के बहाने होटल में होती मौज मस्ती *जांच के घेरे में जेल डॉक्टर *पांच कांस्टेबल सहित 13 लोग गिरफ्तार
राजस्थान की राजधानी जयपुर की सेंट्रल जेल से निकली एक कहानी ने सबको हिलाकर रख दिया है। कैदियों का खेल, जेल से बाहर होटल तक और होटल से फिर जेल के भीतर मगर इस बार सिर्फ कैदी नहीं, उनके साथ थे वो लोग भी- जिन पर कानून की रक्षा का जिम्मा था- मगर जो खुद बन गए मुजरिम! देखिए यह रिपोर्ट
जयपुर: जेल – जिसे सजा की जगह कहा जाता है। वो कब एक ‘क्राइम सेंटर’ बन गई? कैसे इलाज के नाम पर कैदी निकलते हैं और सीधे पहुंचते हैं होटल? कैसे जेल के दरवाजे खुलते हैं और फिर वहां से निकाली जाती है चरस, मोबाइल और होती हैं नई-नई डील्स? ये कहानी है जयपुर की सेंट्रल जेल की और इसके पीछे का खेल ऐसा है, जो पूरे सिस्टम पर सवाल खड़ा करता है।चार कैदी, चार नाम, चार चेहरे, चार कहानियां। रफीक- हत्या का आरोपी, भंवर यादव – रेप का आरोपी, अंकित – धोखाधड़ी का आरोपी, करण, धोखाधड़ी का आरोपी। इन चारों को इलाज के नाम पर बाहर निकाला गयाऔर इलाज की जगह पहुंचा दिया गया होटल। जहां रफीक की बीवी हिना आई – हाथ में मोबाइल और कुछ संदिग्ध पैकेट लेकर जिसे चरस बताया जा रहा है। मकसद था जेल के अंदर ये सामान पहुंचाना ताकि वहां दुगने दाम पर बेचा जा सके.
जेल के इस पूरे खेल में सिर्फ कैदी नहीं -जेल का स्टाफ भी शामिल था। पांच पुलिसकर्मी सुरेश कुमार, मनोज कुमार, दिनेश कुमार, अमित और विकास , जिन्हे अब सस्पेंड कर दिया गया है । जांच के घेरे में जेल का डॉक्टर भी है।पुलिस के लिए ये पता लगाना अब जरूरी है कि ये महज लापरवाही थी या कोई बड़ा नेटवर्क जेल के अंदर ऑपरेट कर रहा था? यही वजह है कि पुलिस अब सभी के कॉल डिटेल्स, बैंक खातों और लेन-देन की पड़ताल कर रही है।
किसने किससे बात की, किसने पैसे कहां ट्रांसफर किए, किसने होटल में इंतजाम किया…और सबसे बड़ा सवाल , ये सब किसके इशारे पर चल रहा था?
गौरतलब है की “जांच जारी है। गिरफ्तारियां हो रही हैं। मगर ये सिर्फ एक केस नहीं। एक पूरा सिस्टम है, जिसमें दरारें हैं और ये कहानी उन्हीं दरारों से निकली है। अब तक हुयी गिरफ्तारी में रफीक की बीवी हिना , उसका रिश्तेदार रमजान, अंकित का भाई आकाश और उसका दोस्त राहुल भी हैं। कहानी यहीं खत्म नहीं होती,सवाल अभी भी वैसे ही बरकरार हैं। जेल के दरवाजे कैसे खुले? इलाज के नाम पर कैदियों को होटल कौन ले गया? क्या जयपुर की सेंट्रल जेल एक ड्रग्स-डीलिंग का अड्डा बन गई है? क्या जेल के अंदर एक पूरा ‘क्राइम सिंडिकेट’ ऑपरेट हो रहा है? और सबसे बड़ा सवाल — क्या जेल में सिर्फ कैदी बंद हैं- या कानून भी? “जांच जारी है… मगर जवाब मिलने बाकी हैं .और जब जवाब मिलेंगे- तो चौकाने वाले परिणाम आने तय है क्योंकि ये कहानी सिर्फ एक जेल की नहीं ये कहानी है उस सिस्टम की, जिस पर कानून और भरोसे की नींव टिकी है।

One thought on “जेल में सिर्फ कैदी बंद या कानून ?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *