
न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने फैसला किया है कि 21 जुलाई की शहीद दिवस रैली के सभी आधिकारिक पोस्टरों पर केवल पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी की तस्वीर होगी। TMC सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने अपनी तस्वीर नहीं लगाने का अनुरोध करते हुए कहा है कि वह 1993 में हुए मूल आंदोलन का हिस्सा नहीं थे।
ममता बनर्जी के भतीजे और पार्टी में दूसरे नंबर के नेता माने जाने वाले अभिषेक के इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है और पार्टी की आंतरिक स्थिति को लेकर अटकलें लगाई जाने लगी हैं।
हालांकि टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय ने शनिवार को पार्टी के भवानीपुर कार्यालय में हुई बैठक के बाद इस कदम की पुष्टि की।लोकसभा में पार्टी के नेता बंदोपाध्याय ने संवाददाताओं से कहा, “21 जुलाई की रैली के पोस्टर में केवल ममता बनर्जी की तस्वीर होगी। अभिषेक बनर्जी ने खुद कहा था कि उनकी तस्वीर वहां नहीं होनी चाहिए, क्योंकि वह 1993 के मूल आंदोलन का हिस्सा नहीं थे।”पार्टी नेताओं के अनुसार, अभिषेक बनर्जी ने 2011 में टीएमसी के सदस्य के रूप में राजनीति में प्रवेश किया और अंततः उन्हें तृणमूल युवा का अध्यक्ष बनाया गया, जिसका बाद में तृणमूल युवा कांग्रेस में विलय कर दिया गया।
यह घोषणा पोस्टरों में नेताओं की तस्वीर को लेकर पार्टी के अंदर काफी समय से चल रही बहस के बीच की गई है। यह विवाद नवंबर 2023 से शुरू हुआ, जब नेताजी इंडोर स्टेडियम में एक बड़ी रैली की पृष्ठभूमि में केवल ममता की तस्वीर लगाई गई थी।
गौरतलब है कि उस समय पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष ने सार्वजनिक रूप से अभिषेक की तस्वीर नहीं लगाए जाने पर सवाल उठाया था, जिससे अंदरूनी बहस छिड़ गयी थी।टीएमसी 1993 में पुलिस गोलीबारी में 13 लोगों की मौत की याद में हर वर्ष 21 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ रैली निकालती है। 1993 में युवा कांग्रेस की नेता रहीं ममता बनर्जी ने सचिवालय तक मार्च निकाला था और मांग की थी कि मतदाता पहचान पत्र मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए एकमात्र दस्तावेज माना जाए।