
न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
बेंगलुरु, कर्नाटक | पूर्व भारतीय क्रिकेटर सैयद किरमानी कहते हैं, “जिस तरह से चारों तरफ क्रिकेट खेला जा रहा है… खेल में ज़रा भी सज्जनता नहीं रही। मैदान पर बहुत ही असभ्य और अहंकारी व्यवहार देखने को मिले… मुझे हर तरफ से संदेश मिल रहे हैं… भारतीय टीम ने क्या किया है? मैदान पर कौन सी राजनीति चल रही है?… मुझे ये टिप्पणियां सुनकर शर्म आती है… क्रिकेटरों के मौजूदा दौर को क्या हो गया है… एशिया कप में जो हुआ वो घिनौना है… ये शब्द मेरे संदेशों में आए हैं… खेल के मैदान में, खासकर क्रिकेट में, जिस तरह से चीजें हो रही हैं, वो मेरे लिए बहुत निराशाजनक है… जो हुआ वो सही नहीं है। खेलों में राजनीति का प्रवेश नहीं होना चाहिए… राजनीति को पीछे छोड़ दीजिए। खेल के मैदान से बाहर जो कुछ भी हुआ है, उसे वहीं रहने दीजिए। इसे अपनी जीत की रकम या क्रिकेट के इस महान खेल से अपनी कमाई से मत जोड़िए। इसे नेक कामों के लिए समर्पित मत कीजिए… कोई भी नेक काम, समझ में आता है, लेकिन उसे राजनीति से मत जोड़िए… हमारे समय में, क्रिकेटरों के पास बहुत ही शानदार भाईचारा। पाकिस्तानी खिलाड़ी भारत आ रहे हैं, हम पाकिस्तान जा रहे हैं। कैसी मेहमाननवाज़ी, कैसा प्यार, कैसा स्नेह… एक क्रिकेटर होने के नाते मुझे अपना सिर झुकाना पड़ता है…”