नेपाल में राजशाही की वापसी या सैन्य शासन?

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
काठमांडू :नेपाल में भ्रष्टाचार विरोधी प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई है। उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।इसके बाद पूरे देश पर सेना ने नियंत्रण कर लिया है। सेना ने कहा है कि वो प्रदर्शनकारियों और राष्ट्रपति के बीच वार्ता करा रही है। 2 दिन के इस घटनाक्रम के बाद नेपाल में राजनीतिक अनिश्चितता का माहौल है।

नेपाल के संविधान के मुताबिक, अगर सरकार गिरती है तो राष्ट्रपति संसद में बहुमत वाली पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे। अगर किसी भी पार्टी के पास बहुमत नहीं है, तो बहुमत का दावा करने वाले किसी भी संसद सदस्य को आमंत्रित किया जा सकता है। ऐसे व्यक्ति को 30 दिनों के भीतर विश्वास मत का सामना करना पड़ेगा। अगर ऐसा भी नहीं होता है, तो संसद को भंग कर नए सिरे से चुनाव करवाना होंगे।

गौरतलब है कि नेपाल में सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ सड़कों पर उतरे युवाओं ने Gen-Z आंदोलन से प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की सरकार को उखाड़ फेंका है।
अब एक बार फिर युवा सड़कों पर उतरे हैं, लेकिन हिंसक आंदोलन के लिए नहीं बल्कि आंदोलन के दौरान फैली गंदगी को साफ करने के लिए।
सोशल मीडिया पर नेपाली युवाओं की तस्वीरें और वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिसमें वे सड़क की सफाई करते दिख रहे हैं।

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