
न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मामले में ईडी की शिकायत पर संज्ञान लेने के मामले पर फैसला सुरक्षित रख लिया है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने संज्ञान लेने के मामले पर 29 जुलाई को फैसला सुनाने का आदेश दिया. मामले में सुनवाई के दौरान ईडी ने कहा कि जिन लोगों ने कांग्रेस को दान दिया उनके साथ धोखाधड़ी की गयी. ईडी ने कहा कि जिन लोगों ने दान दिया उनमें से कुछ को टिकट दिए गए.सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से एएसजी एसवी राजू ने इस मामले में गवाहों के बयान का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी को जिन लोगों ने दान दिया उनके साथ धोखाधड़ी की गयी. कुछ दानदाताओं को टिकट भी दिए गए. राजू ने गांधी परिवार की उस दलील का विरोध किया कि एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) पर उनका कोई नियंत्रण नहीं था. उन्होंने कहा कि एजेएल ही मूल रुप से नेशनल हेराल्ड की प्रकाशक थी.
कोर्ट ने 29 जुलाई को फैसला सुनाने का दिया आदेश: इस मामले में 5 जुलाई को लोकसभा में विपक्ष और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील आरएस चीमा ने कहा था कि कांग्रेस ने एजेएल को बेचने की कोशिश नहीं की थी बल्कि वो इस संस्था को बचाना चाहती थी, क्योंकि वो स्वतंत्रता आंदोलन का हिस्सा थी. चीमा ने कहा था कि ईडी एजेएल का मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन क्यों नहीं दिखा रही है. एजेएल की स्थापना जवाहर लाल नेहरु, जेबी कृपलानी, रफी अहमद किदवई और दूसरे कांग्रेस नेताओं ने 1937 में की थी. चीमा ने कहा था कि एजेएल के मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएएशन में कहा गया है कि उसकी सभी नीतियां कांग्रेस की होंगी.