
न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
कोलकाता: खिदिरपुर इलाके में लगी भीषण आग के बाद मंगलवार को पश्चिम बंगाल में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। इस आग में एक व्यस्त बाजार की 1,300 से अधिक दुकानें जलकर राख हो गईं।इस आग से कई करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है। इस घटना के बाद सरकार और विपक्ष के बीच तीखी राजनीतिक बहस हुई।मंगलवार को पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने घटनास्थल का दौरा किया और राज्य प्रशासन पर जमकर निशाना साधा।प्रभावित दुकानदारों को संबोधित करते हुए अधिकारी ने आरोप लगाया कि राज्य अग्निशमन सेवा विभाग ने जानबूझकर अपनी प्रतिक्रिया में देरी की, जिससे बाजार पूरी तरह से नष्ट हो गया। उन्होंने आगे दावा किया कि यह आग तथाकथित “भू-माफिया” द्वारा भूमि हड़पने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा थी।अधिकारी ने कहा, “आग सोमवार को रात 1 बजे के बाद लगी और स्थानीय पुलिस स्टेशन के साथ-साथ अग्निशमन विभाग को भी तुरंत सूचित किया गया। फिर भी, कथित तौर पर दमकल गाड़ियाँ सुबह 4 बजे ही पहुँचीं। आप समझ सकते हैं कि यहाँ किस तरह का खेल खेला जा रहा है।” उन्होंने राज्य सरकार पर निजी खिलाड़ियों को कीमती सार्वजनिक भूमि बेचने का भी आरोप लगाया।
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस अब खुद को बचाने के लिए पुलिस की आड़ लेकर खड़ी है क्योंकि उनके पास जनता का समर्थन नहीं है।’’
गौरतलब है कि यहां खिदिरपुर में आग से तबाह बाजार का दौरा करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक व्यापक पुनर्वास योजना की घोषणा की थी, जिसमें एक नए बाजार का निर्माण, प्रभावित व्यापारियों के लिए वित्तीय सहायता और व्यापार की निरंतरता बनाए रखने के लिए अस्थायी पुनर्वास व्यवस्था शामिल है।
बनर्जी ने कहा कि लगभग 150 साल पुराने बाजार में देर रात लगी आग से हुए नुकसान की विस्तृत जांच और आकलन किया जाएगा।उन्होंने कहा, ‘‘जिन व्यापारियों की दुकानें पूरी तरह नष्ट हो गईं, उन्हें पुनर्निर्माण और सामग्री की लागत के रूप में एक लाख रुपये दिए जाएंगे। जिन लोगों को आंशिक नुकसान हुआ है उन्हें 50,000 रुपये की सहायता मिलेगी। ये राशि स्थानांतरण के बाद ही वितरित की जाएगी।’’प्रभावित व्यापारियों को अपना कारोबार जारी रखने में मदद करने के लिए बनर्जी ने कहा कि नया ढांचा बनने तक बाजार को अस्थायी रूप से निकटवर्ती स्थान पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा।