2000 पत्थरबाजों पर FIR, 31 लोग हिरासत में, 8 सदस्यीय एसआईटी गठित
मौलाना भूल गया कि शासन किसका है :मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
बरेली हिंसा पर गरमाई बिहार की सियासत, ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद बना मुद्दा

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
बरेली (उ. प्र ):बरेली में शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद हुई हिंसा मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा को गिरफ्तार कर लिया है। इस हिंसा मामले में कुल 10 FIR दर्ज की गई है, जिनमें से सात में मौलाना तौकीर का नाम शामिल है। पुलिस ने प्रेस कांफ्रेंस करके हिंसा से जुड़ी हर एक जानकारी दी और बताया कि कैसे हिंसा की प्लानिंग की गई थी।
मौलाना तौकीर रजा अरेस्ट, 2000 पत्थरबाजों पर FIR, 31 लोग हिरासत में, 8 सदस्यीय एसआईटी गठित। मौलाना तौकीर रजा समेत 8 लोगों को पुलिस ने जेल भेजा है. इतना ही नहीं, बरेली में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने 31 लोगों को हिरासत में लिया है. साथ ही 2000 पत्थरबाजों पर भी केस दर्ज किया गया है. हंगमे की जगह से तमंचा, पेट्रोल की बोतलें बरामद की गई हैं. बरेली में जगह-जगह सुरक्षा बलों की तैनाती है. फिलहाल यहां हालात सामान्य दिख रहे हैं. अभी तक इस मामले में 10 एफआईआर दर्ज हुए हैं. डीएम अविनाश सिंह और एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. डीएम ने बताया कि तौकीर रजा को पहले समझाया गया था. उनको नोटिस भी दिया गया था कि प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं है. धारा 163 लागू होने की सूचना दी गई थी. मौलाना के साथ बैठक भी हुई थी.नफीस, नदीम के सिग्नेचर की चिट्ठी मिली थी कि कोई कार्यक्रम नहीं होगा, लेकिन बाद में खंडन भी आ गया.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अराजकता स्वीकार्य नहीं है। हम सबको सम्मान देंगे, सबको सुरक्षा देंगे लेकिन अगर किसी ने सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने का दुस्साहस किया, निर्दोश नागरिकों पर हमला किया, तो उसकी कई पीढ़ियों के सामने ऐसी कार्रवाई की जाएगी कि उनके लिए एक नजीर बन जाएगा—पर्व और त्योहारों के समय माहौल खराब करना स्वीकार्य नहीं है। मैं फिर कहूंगा कि अगर किसी ने सड़कों पर प्रदर्शन करके उपद्रव करने का दुस्साहस किया…तो उनको इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी…हमने हर जाति, हर समुदाय के लोगों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के साथ जोड़ने का काम किया है, कोई भेदभाव नहीं किया…” पर्व और त्योहारों के दौरान आपने देखा होगा कि जब भी पर्व आते थे तब उत्पाद शुरू हो जाता था। अब उत्पादियों और उपद्रवियों को पता लगेगा और उन्हें उनकी सात पीढ़ियां याद आएंगी क्योंकि कभी-कभी लोगों की बुरी आदते नहीं जाती है तो उसके लिए उनकी डेंटिंग पेंटिंग करवानी पड़ती है जिससे उनकी बुरी आदते ठीक की जा सके और यही डेंटिंग पेंटिंग कल आपने बरेली के अंदर देखा होगा। वह मौलाना भूल गया कि शासन किसका है उसे लगता था कि धमकी देंगे और जाम कर देंगे लेकिन हमने कहा कि न जाम होगा और न ही कर्फ्यू लगेगा लेकिन कर्फ्यू का सबक तुम्हें ऐसा सिखा देंगे कि तुम्हारी आने वाली पीढ़ी दंगा करना भूल जाएगी…2017 के पहले यही यूपी के अंदर होता था और हम यही कह सकते हैं कि 2017 के बाद हमने कर्फ्यू भी नहीं लगने दिया। लेकिन ऐसे लोगों को उनकी ही भाषा में समझाकर उन्हें सजा दिलाने का काम किया है। उत्तर प्रदेश के ग्रोथ स्टोरी यहीं से शुरू होती है….
बरेली हिंसा पर गरमाई बिहार की सियासत, ‘आई लव मोहम्मद’ विवाद बना चुनावी मुद्दा

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि, “हिंसा भड़काने में बीजेपी नंबर वन है. यूपी से जब भी ख़बर आती है, हमेशा ऐसी ही घटनाओं की होती है. पढ़ाई, दवाई, सिंचाई, रोज़गार की कोई बात नहीं कर रहा. इससे कौन पीड़ित है? यूपी, देश.”—उत्तर प्रदेश के बरेली में शुक्रवार को “आई लव मोहम्मद” विवाद को लेकर जमकर हंगामा हुआ, जिसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें और पथराव हुआ. इस घटना ने अब बिहार की राजनीति को भी हिलाकर रख दिया है, जहां अलग-अलग राजनीतिक दलों – एआईएमआईएम, कांग्रेस, राजद और जदयू के नेताओं ने इस मुद्दे पर बयानबाजी कर इसे चुनावी रंग दे दिया है. एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने “आई लव मोहम्मद” विवाद पर भाजपा पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी मोहब्बत की विरोधी है. कोई पैगंबर से मोहब्बत करे या कोई महादेव से, यही भारत की असली खूबसूरती है. ओवैसी का कहना है कि बीजेपी इस मोहब्बत को भी राजनीति का मुद्दा बना रही है.