तेजस्वी यादव ने किया चक्का जाम का ऐलान
वोटर लिस्ट बनाने में बड़ी साजिश का जताया अंदेशा

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
पटना :बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट रिवीजन पर घमासान थम नहीं रहा है। इस मुद्दे पर जमकर बयानबाजी हो रही है और अब आरजेडी के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चक्का जाम का ऐलान किया है। तेजस्वी यादव ने कहा कि 9 जुलाई को वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर बिहार में महागठबंधन की ओर से चक्का जाम किया जाएगा। वहीं महागठबंधन के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर मतदाता पुनरीक्षण करना है तो आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड और जॉब कार्ड जैसे दस्तावेजों को शामिल करना चाहिए।
तेजस्वी ने कहा कि वोटर लिस्ट बनाने में बड़ी साजिश की बू आ रही है। उन्होंने कहा कि यह चुनाव हार रहे हैं, इनकी सत्ता जाने वाली है। इसलिए यह साजिश की जा रही है सत्ताधारी दल के इशारे पर यह काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन 9 जुलाई को धरना प्रदर्शन और चक्का जाम करेगा। उन्होंने लोगों से लोकतंत्र और संविधान बचाने की भी अपील की। इससे पूर्व तेजस्वी यादव ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के साथ बैठक के बाद कहा कि हमने अपनी चिंता को उनके साथ साझा किया है और उन्होंने कहा है कि हम इस पूरे मामले की जानकारी चुनाव आयोग को देंगे। इसके साथ ही तेजस्वी यादव ने वोटर लिस्ट रिवीजन के मुद्दे पर कहा कि हमने टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं। 25 दिन में 8 करोड़ मतदाताओं की फिर से वोटर लिस्ट बनाने की जो तैयारी हो रही है, वो संभव नहीं है।
उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि 4 से 5 करोड़ बिहारी जो बाहर रहते हैं, उनके लिए आप क्या करेंगे। उन्होंने कहा कि यदि वह अपना पैसा लगाकर आना भी चाहें तो क्या यह संभव है। उन्होंने कहा कि हमने चुनाव आयोग से मांग की है कि दस्तावेजों को और सरल बनाया जाए। आप आधार कार्ड, जॉब कार्ड, मनरेगा, राशन कार्ड शामिल कीजिए, आम लोगों के पास यही दस्तोवज होते हैं। उन्होंने कहा कि जो 11 डॉक्यूमेंट मांगे गए हैं, वो बिहार और बिहारियों के पास नहीं है। उन्होंने कहा कि 70 से 80 फीसदी समस्या का समाधान तभी हो जाएगा, जब आधार कार्ड, जॉब कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेजों को इसमें शामिल किया जाएगा।
तेजस्वी यादव ने अपना और अपनी वाइफ राजश्री का उदाहरण दिया । उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी दिल्ली की रहने वाली है। 3 महीना पहले हमने उनका वोटर आईडी बनवाया। वोटर आईडी बनवाने के लिए हमने आधार कार्ड दिया। उस आधार कार्ड पर उनका वोटर लिस्ट में नाम जुड़ा। तो आधार कार्ड जो सरकार का ही दिया हुआ डॉक्यूमेंट है, उसमें फिंगरप्रिंट, आंख का वेरिफिकेशन भी है, तो इस बार आधार कार्ड को डॉक्यूमेंट में से क्यों हटा दिया। बिहार राज्य चुनाव आयोग को कोई भी निर्णय लेने का अधिकार नहीं है। सिर्फ सुनने का और फॉरवर्ड करने का अधिकार है। इसका निर्णय लेने का अधिकार दिल्ली वालों को है और उनका निर्णय कौन ले लिया है यह हम सब जानते हैं।