सरकार के दो मंत्रियों पर काफी गंभीर आरोप लगाया
“बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी 1995 के एक मर्डर केस में आरोपी “

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
पटना :बिहार NDA के दो नेताओं पर प्रशांत किशोर का प्रहार, प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी को 1995 के एक मर्डर केस में आरोपी बताते हुए गिरफ्तारी की मांग की है, और अशोक चौधरी को चेताया है कि अगर मानहानि का नोटिस वापस नहीं लिया तो 500 करोड़ रुपये का मामला सामने लाएंगे—क्या प्रशांत किशोर बिहार में राहुल गांधी से दो कदम आगे चल रहे हैं? प्रशांत किशोर ने बिहार सरकार पर सबसे बड़ा हमला बोला है. सरकार के दो मंत्रियों पर काफी गंभीर आरोप लगाया है. ये मंत्री हैं, सम्राट चौधरी और अशोक चौधरी. देखा जाए तो पूरे एनडीए पर. एनडीए के बहाने बीजेपी नेतृत्व पर और, मंत्रियों के बहाने नीतीश कुमार पर सीधा हमला. डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी बीजेपी के नेता हैं, और अशोक चौधरी जेडीयू के. प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल सहित और भी नेता हैं. हमलावर रुख को लेकर घिरने पर प्रशांत किशोर अपनी हालिया कमाई की भी घोषणा की है – और जन सुराज के आर्थिक स्रोत की भी. ताजा हमले में प्रशांत किशोर के निशाने पर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पहले नंबर पर नजर आए हैं. प्रशांत किशोर ने सम्राट चौधरी को हत्या का आरोपी बताते हुए बिहार के राज्यपाल से गिरफ्तार कर जेल भेजने की मांग की है. और, अशोक चौधरी को मानहानि का नोटिस हफ्ते भर के भीतर वापस न लेने पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के और भी गंभीर मामलों का पर्दाफाश करने की बात कही है.
प्रशांत किशोर ने बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी पर 1995 के एक सामूहिक मर्डर केस से झूठ बोलकर बच निकलने का इल्जाम लगाया है. हाथों में कागज लहराते हुए प्रशांत किशोर ने दावा किया कि सम्राट चौधरी ने कथित तौर पर उस वक्त नाबालिग बताकर सजा से बच गए थे – जबकि, प्रशांत किशोर का दावा है, सम्राट चौधरी की उम्र तब 26 साल थी. प्रशांत किशोर के मुताबिक, सम्राट चौधरी ने 1995 में अपनी उम्र 14-15 साल दिखाने और नाबालिग के रूप में राहत पाने के लिए बिहार बोर्ड की परीक्षा का प्रवेश पत्र अदालत को दिया था, लेकिन 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दिए अपने शपथ पत्र में सम्राट चौधरी ने खुद को 51 साल का बताया हुआ है, और उसके हिसाब से 1995 में उनकी उम्र 26 साल होती है. अशोक चौधरी की तरफ से भेजे गए लीगल नोटिस का जिक्र करते हुए प्रशांत किशोर ने हफ्ते भर में वापस लेने की मोहलत दी है. कहा है, अगर सात दिन में मानहानि का नोटिस वापस नहीं लिया गया तो 500 करोड़ की और संपत्ति का ब्योरा पेश करेंगे.
प्रशांत किशोर का सवाल है, शिल्पी-गौतम सामूहिक दुष्कर्म और हत्याकांड में सम्राट चौधरी संदिग्ध आरोपी थे या नहीं? और फिर कहते हैं, ये मुद्दा पहले बीजेपी के ही नेता रहे सुशील मोदी ने भी उठाया था. ये तब की बात है जब सम्राट चौधरी आरजेडी में हुआ करते थे. कहते हैं, आज ये खुद भाजपा में हैं, आज की भाजपा का चाल चरित्र देख लिजिए.
‘जरूरत पड़ी तो शरीर बेचकर पैसा लगाऊंगा लेकिन चोरी की राजनीति खत्म करके रहूंगा’, बोले प्रशांत किशोर–जन सुराज पार्टी के प्रमुख और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) ने अपनी आय और पार्टी की फंडिंग पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए एक बड़ा खुलासा किया है। प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि उनकी आय का मुख्य स्रोत राजनीतिक सलाहकार के रूप में दी गई सेवा है। उन्होंने कहा, “पैसा सरस्वती (ज्ञान और परामर्श) से आता है। मैंने जिनकी मदद की, उन्होंने मुझे पैसा दिया है।” पीके ने घोषणा की कि वह अपनी और पार्टी की फंडिंग को लेकर पूरी पारदर्शिता बनाए रखेंगे। उन्होंने कहा, “कुछ लोगों ने सवाल उठाया था कि पीके के पास पैसा कहाँ से आता है, इसलिए हमने तय किया है कि हम खुद के साथ-साथ पार्टी के लोग भी पैसा कहाँ से लाते हैं और वह कहाँ खर्च हो रहा है, इसका खुलासा करेंगे।” प्रशांत किशोर ने बताया कि पिछले तीन साल में उन्होंने अलग-अलग कंपनियों और राजनीतिक पार्टियों को सलाह देने के एवज में कुल 241 करोड़ रुपए फीस ली है. इस पर 30 करोड़ 95 लाख 68 हजार रुपए जीएसटी और 20 करोड़ रुपए आयकर चुकाया है. उन्होंने कहा, ‘यह मेरी इंटीग्रिटी है. मैं चोरी नहीं करता हूं. मैं मंच पर जो कहता हूं वही करता हूं.’
किसने क्या कहा
1–जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कहा, “अशोक चौधरी के संपत्ति पर जो बात कही गई है हम उस पर कायम हैं। इन्होंने 200 करोड़ की संपत्ति अर्जित की है। इन्होंने कैमरे पर कहा 1 कट्ठा भी जमीन हो जाएगा तो मैं जन सुराज की गुलामी करूंगा। अभी कागज जारी हुआ है उसमें आप कहिए कि ये आपकी जमीन नहीं है। अगर जमीन है तो जन सुराज की गुलामी मत करिए बिहार के लोगों की गुलामी के लिए तैयार हो जाएं, इस्तीफा दीजिए… हम लोग राज्यपाल के पास और कोर्ट में जाएंगे। इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।”
2–बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के बयान पर कहा, “वे नौसिखिया नेता हैं। 1995 में हमें जेल में डाला दिया… हमारे परिवार के 22 लोग जेल में थे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 7 किलोमीटर पैदल चलकर मेरे लिए विरोध प्रदर्शन किया, मानवाधिकार आयोग ने बिहार की तत्कालीन लालू प्रसाद सरकार के खिलाफ कार्रवाई की… सबका हिसाब होगा, समय है, जनता तय करती है, जनता हिसाब देगी, जनता फिर से NDA की सरकार बनाएगी।”
3–जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर के बयान पर लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि, “राजनीति में और खासकर चुनाव आते ही आरोप-प्रत्यारोप सब पर लग जाते हैं; यह कोई नई बात नहीं है। लोग मीडिया में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए इसे हथियार की तरह इस्तेमाल करते हैं। उनके द्वारा लगाए गए आरोपों पर मैंने, मेरे पिता जी ने और मेरी सास ने अपने विचार रखे हैं, लेकिन जिस तरह से वह बार-बार आरोप लगा रहे हैं, हम फिर कह रहे हैं कि इन सभी आरोपों का कोई आधार नहीं है… चुनाव के दौरान किसी पर भी ऐसे आरोप लगाना आसान हो जाता है। हमारी तरफ से हम कह सकते हैं कि ये सभी आरोप झूठे, निराधार और बेबुनियाद हैं…”