बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में देरी होना लगभग तय

पहले पहले चार बड़े राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्त करेगी बीजेपी
संघ की सहमति के बिना राष्ट्रीय अध्यक्ष तय होना नामुमकिन

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली:बीजेपी में इस वक्त सबसे बड़ा सवाल यही है कि संसद के मानसून सत्र से पहले बीजेपी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिलेगा या नहीं। संसद सत्र शुरू होने में अब महज 8 दिन बचे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में अभी देरी संभव है। पार्टी नेतृत्व पहले उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक और दिल्ली जैसे चार बड़े राज्यों में प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति पर फोकस कर रहा है। संगठन में चर्चा है कि इन प्रदेश अध्यक्षों के नाम राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन से पहले तय किए जाएंगे।

अब तक बीजेपी लगभग 27 प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति कर चुकी है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्यों में संगठन की कमान नए चेहरों को सौंप दी गई है, लेकिन उत्तर प्रदेश, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा और दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष का फैसला अभी लंबित है।

पार्टी के सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव सिर्फ संगठन का आंतरिक मामला नहीं है। इस फैसले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सहमति भी जरूरी होती है । संगठन लगातार एक्शन मोड पर है ।बीजेपी में अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया में अंतिम मुहर अक्सर संघ की ओर से ही लगती है। अध्यक्ष ऐसा चेहरा होना चाहिए, जो सब को साथ लेकर चल सके और संघ के सिद्धांतों के प्रति भी प्रतिबद्ध हो।

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद दिल्ली में संगठन स्तर पर हलचल तेज़ हुई है, लेकिन सूत्र बताते हैं कि आरएसएस की राय के बगैर किसी राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा नहीं की जाएगी।कुल मिलाकर, संगठन में तस्वीर अगले एक हफ्ते में काफी हद तक साफ हो सकती है। लेकिन इतना तय है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर कोई भी नाम संघ की सहमति के बिना तय नहीं होगा। एक बात और साफ़ हो जाती है की संसद सत्र से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति अब असंभव है ऐसे में राष्ट्रीय अध्यक्ष की नियुक्ति में एक बार फिर देरी होने की संभावना है ।

हालाकि बीजेपी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए 50 फीसदी वाला कोरम पूरा कर लिया है । ये राष्ट्रीय अध्यक्ष चुनाव के लिए जरूरी होता है। बीजेपी ने कुल 37 सांगठनिक यूनिट्स में पूरे देश को बांटा हुआ है , जिसके 27 राज्यों में संगठन में चुनाव पूरे हो चुके है ।

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