मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में कफ सिरप पीने से मौत की आशंका

अब तक सिलसिलेवार 9 मासूमों की मौत

कलेक्टर ने Coldrif और Nextro-DS पर लगाई रोक

सरकार ने कहा 12 दवाइयां के सैंपल जांच के लिए भेजे तीन के सैंपल आए उसके चलते नहीं हुई मौत बाकी सैंपल शाम तक आएंगे, उसके बाद तय होगा कफ सिरप बेन होना है या नहीं
न्यूज़ बॉक्स संवाददाता

भोपाल/छिंदवाड़ा:मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है जहां अंदेशा जताया जा रहा है कि कफ सिरप की वजह से 9 मासूमों की मौत हुई है।इन बच्चों की किडनी फेल होने का खुलासा भी बायोप्सी रिपोर्ट से हुआ है। मामला सामने आते ही छिंदवाड़ा कलेक्टर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दो कफ सिरप पर बैन लगाया है। वहीं खाद्य विभाग ने भी जबलपुर स्थित डीलर के यहां सैंपल जप्त किए हैं। वहीं सरकार बच्चों की मौत का कारण जानने के लिए जांच रिपोर्ट का कर रही इंतजार।

छिंदवाड़ा जिले के परासिया क्षेत्र में फैली रहस्यमय बीमारी की परतें अब खुलने लगी हैं। वायरोलॉजिकल लैब से आए तीन सैंपलों की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि किडनी फेल होने का प्रमुख कारण मल्टीपल एंटीबायोटिक ड्रग्स हो सकता है। इलाके में बीते 1 महीने के अंदर 9 से ज्यादा बच्चों की मौत किडनी फेल होने के चलते होना बताया जा रहा है।

(या अजीब टाइप की बीमारी बच्चों को पाई जा रही है बुखार आ रहा है और 5-7 दिन में यूरिन आना बंद हो रहा है इन्वेस्टिगेशन करने में किडनी फेल आ रही है जिसके चलते उन्हें नागपुर रिपेयर कर रहे हैं डायलिसिस की जरूरत पड़ रही है 6 बच्चों की मौत हो रही है और 7 से 8 की डायलिसिस हो रही है। रिसर्च का विषय है डेफिनिटिव कारण अभी तक पता नहीं चल पाया, एक बच्चा अभी आया उसकी किडनी फेल पाएगी हमने नागपुर भेज दिया,))– दीपक पटेल शिशु रोग विशेषज्ञ मेडिकल कॉलेज छिंदवाड़ा
दशहरे के दिन की नागपुर में मृत परासिया निवासी 5 साल की बच्ची संध्या के घर की है जहां मातम पसरा हुआ है। महज 15 दिनों में सर्दी जुकाम के चलते बीमार हुई संध्या ने छिंदवाड़ा के अस्पताल से नागपुर के अस्पताल तक का सफर किया तमाम दवाइयां ली लेकिन किडनी फैल होने के चलते असमय ही मासूम को मौत का सामना करना पड़ा।–संध्या के पिता रसीद बोसम

सूत्रों के मुताबिक 1 सितंबर के बाद परासिया, उमरेठ, जाटाछापर, बड़कुही और आसपास के गांवों में बच्चों को सर्दी-खांसी और बुखार की शिकायतें बढ़ीं। परिजन स्थानीय डॉक्टरों और मेडिकल दुकानों से कफ सिरप लाकर बच्चों को पिलाने लगे। लेकिन कुछ ही दिनों में मासूमों की हालत बिगड़ गई, यूरिन आना बंद हो गया और कमजोरी बढ़ गई। हालात नाजुक होते देख उन्हें पहले परासिया और छिंदवाड़ा अस्पताल ले जाया गया, फिर गंभीर बच्चों को नागपुर रेफर करना पड़ा। वही आखिरी मौत परासिया की संध्या नाम की बच्ची की हुई है।
((इन 9 बच्चों की हुई मौत–शिवम राठौर, विधि,अदनान, हुसैन ऋषिका हितांश विकास चंचलेश संध्या।अभी हमारे पास जो आंकड़े है उसमें से 9 बच्चों की डेथ हो गई है 13 बच्चे हमारे पास एडमिट थे जिनमें से एक रिकवर हो गया।चार बच्चे हमारे जिला अस्पताल में भर्ती है जिनमें से दो की स्थिति ठीक है और दो ट्रीटमेंट में हैं।आठ नागपुर में है जिनमें से पांच बच्चे बेहतर हालात में है तीन का इलाज जारी है।))

छिंदवाड़ा जिले में मासूमों की मौत के चलते भोपाल से दिल्ली तक तमाम विभाग एक्टिव हो गए। दिल्ली और भोपाल की बायोप्सी रिपोर्ट से पता चला की किडनी से संबंधित बीमारी है। इससे पहले प्रशासन तमाम बिंदुओं पर जांच कर चुका था क्या बीमारी गंदे पानी के वजह से हुई या चूहे या मच्छर के चलते।

जब तक जांच रिपोर्ट आई उससे पहले ही कई बच्चों की मौत होने से प्रशासन एक्टिव हुआ पाया कि 2022 में जांबिया में भी इंडिया से भेजी गई दवा के चलते छोटे-छोटे बच्चों को ऐसे ही सिंपटम के चलते मौत हुई, यही पैटर्न भारत में भी दिखा,2022 कीप फाइंडिंग में निकाल कर आया था इन मोटो का कारण पीडियाट्रिक यानी बच्चों की दवाई थी इसलिए प्रशासन ने आनन फानन में दो कफ सिरप को बेन कर दिया*-परासिया एसडीएम शिवम यादव

बढ़ते मामलों को देखते हुए कलेक्टर ने CMHO, मेडिकल कॉलेज डीन और डॉक्टरों के साथ बैठक की। उन्होंने परिजनों से अपील की कि बच्चों का इलाज झोलाछाप डॉक्टरों से न कराएं।

छिंदवाड़ा कलेक्टर की गाइडलाइन

–बिना प्रिस्क्रिप्शन के बच्चों को दवा न दें।

–सर्दी-खांसी होने पर बच्चों को तुरंत नजदीकी सरकारी अस्पताल लेकर जाएं।

–झोला छाप डॉक्टरों से इलाज बिल्कुल न कराएं।

–हर 6 घंटे में ध्यान रखें कि बच्चा यूरिन कर रहा है या नहीं, यदि नहीं तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं।

–उल्टी या सुस्ती की स्थिति में विलंब न करें और तत्काल चिकित्सक के पास जाएं।

–बच्चों को अधिक से अधिक पानी पिलाएं।

–यदि बुखार दो दिन से अधिक बना रहता है तो तुरंत इलाज कराएं।

-Coldrif और Nextro-DS सिरप पर बैन लगाते हुए मेडिकल दुकानों को केवल साधारण सिरप ही उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।

मृत बच्चे के परिजन मोहम्मद अमीन खान ने बताया कि दिल्ली की टीम ने पानी का सैंपल लिया और चूहा और मच्छर भी पकड़ कर ले गए हैं हमने अपने बच्चे को डॉ प्रवीण सोनी की निजी निजी अस्पताल भी ले गए थे मगर आराम नहीं लगा तो छिंदवाड़ा रिफर कर दिया जहां से नागपूर ले गए (जहां बच्चे की मौत हो गई) टीम ने दवाई गोली की फोटो ले गए हैं दवाई की जांच होना चाहिए अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि किस वजह से किडनी का इंफेक्शन हुआ है।

हालांकि छिंदवाड़ा का चिकित्सा विभाग दावा कर रहा है कि 500 से ज्यादा सैंपल से जो 300 से ज्यादा रिपोर्ट आई है उसे पर केंद्रीय और नेशनल कंट्रोल डिजीज सेंटर की टीम नए सैंपल कलेक्ट कर लिया है रिपोर्ट आना बाकी है। हालांकि अभी तक किसी डिजीज से मृत्यु होना नहीं पाया गया।

हम लोगों ने बुखार के अंदर अब तक 538 सैंपल लिए हैं जिसमें 300 ज्यादा रिपोर्ट्स सबके अंदर हमने किडनी लिवर फंक्शन टेस्ट कराया है, स्टेट लेवल पर ICDS की टीम आई है सेंट्रल लेवल पर भी नेशनल कंट्रोल डिजीज सेंटर की टीम भी आई है उन्होंने भी सैंपल कलेक्ट की है उसकी रिपोर्ट आनी बाकी है। लेकिन किसी डिजीज से मृत्यु होना नहीं पाया गया है।– नरेश गोन्नाडे CMHO छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा में जिस कफ सीरप के पीने से बच्चों की मौत की मौत की आशंका जताई जा रही थी उसकी छिंदवाड़ा जिले में सप्लाई तीन मेडिकल दुकानों न्यू अपना एजेंसी, आयुष फार्मा और जैन मेडिकल एंव जनरल स्टोर्स के जरिए हो रही थी खाद्य विभाग ने जांच में पता लगाया इन तीनों मेडिकल स्टोर को यह दवाई जबलपुर के कटारिया फार्मास्यूटिकल डिस्ट्रीब्यूटर के यहां से मिल रही है जिसके बाद ड्रग विभाग की टीम ने छापेमारी कार्रवाई कर स्टॉक की जांच करते हुए सीरम के सैंपल जप्त किये।जप्त सैंपल को जांच के लिए भोपाल की लैब में भेजा गया है, जहां से एक हफ्ते के भीतर रिपोर्ट आने की संभावना है।

बता रहे है की उनकी जबलपुर की फर्म कटारिया फार्मासिटिकल्स डिस्ट्रीब्यूटर ने ही छिंदवाड़ा में कप सिरप सप्लाई की थी, कंपनी ने छिंदवाड़ा के न्यू अपना एजेंसी, आयुष फार्मा और जैन मेडिकल एंव जनरल स्टोर्स को कप सिरप की सप्लाई की थी। कटारिया फार्मासिटिकल्स ने चेन्नई की कंपनी से 660 कोल्ड्रिफ कफ सीरप मंगवाई थी जिसमे से 594 बॉटल कफ सीरप छिंदवाड़ा में सप्लाई की गई थी जबकि बची हुई 66 बॉटल को फ्रीज करते हुए 16 बॉटल सेम्पल जांच के लिए भोपाल की लैब भेजे है -राजपाल कटारिया, संचालक, कटारिया फार्मासिटिकल्स

छिंदवाड़ा में मासूम बच्चों की मौत से लगातार घिरती सरकार भी सामने आई बताया कि 12 दवाइयां के सैंपल भेजे थे तीन दवाइयां की जांच रिपोर्ट आई है उसमें ऐसे तत्व नहीं जिसे कहा जा सके मौत इन दवाइयां के कारण हुई। कफ सिरप को बंद करने को लेकर सवाल पूछे जाने पर कहा NERI और भारत सरकार की लेब जांच कर रही हैं शाम तक उसकी रिपोर्ट आएगी तभी समझ में आएगा कफ सिरप के कारण मौत हुई या किसी और दवाई के कारण*

12 प्रकार की दवाइयां के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं तीन दवाइयां के सैंपल भेजे गए हैं उनकी जांच रिपोर्ट आई है उसमें ऐसी कोई तत्व नहीं मिले हैं जिससे कहा जा सके मौत इन दवाइयां के कारण हुई है। यह जो बाकी बची हुई दवाइयां है आज उम्मीद शाम तक उसकी रिपोर्ट आ जाएगी जब तक उसकी रिपोर्ट नहीं आती तब तक कुछ भी कहना संभव नहीं है यह बात सही है कि बच्चों की मौत हुई है लेकिन उसका कारण क्या है यह NERI भारत सरकार की लैब जांच कर रही है उसकी रिपोर्ट लेने के हम प्रयास कर रहे हैं शाम तक उसकी फाइनल रिपोर्ट आएगी तभी यह समझ में आएगा कि कफ सिरप के कारण हुआ या किसी और दवाई के कारण हुआ।सिरप तो मार्केट में नहीं आता जब कभी दवाइयां के लोट में कोई ऐसी गड़बड़ी जिसके अंदर परेशानी आती है जब तक उसकी जांच की रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक यह कहना संभव नहींशुरू में यह उम्मीद की गई थी यह कफ सिरप के कारण नहीं हुआ है तीन दवाइयां कि जब रिपोर्ट आई थी इन दवाइयां के कारण मौत का कारण नहीं है। लेकिन अभी बाकी 9 या 10 दवाइयां ऐसी है जिसकी रिपोर्ट आना बाकी है जो शाम तक आएगी उन दवाइयां की रिपोर्ट जब आएगी तब कहना संभव होगा))-राजेंद्र शुक्ला स्वास्थ्य मंत्री और डिप्टी सीएम

जाहिर हो जब 1 महीने तक मासूम बच्चों की प्रदेश में लगातार मौत हो रही हो और सरकार कारण का पता ना लगा पाए, जांच रिपोर्ट का इंतजार करते-करते बच्चे का समय मौत का शिकार हो जाए तो विपक्ष का सवाल खड़ा करना बनता ही है। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने एमपी के और स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला की तस्वीर को कफ सीरप पिलाकर विरोध किया, कांग्रेस का कहना है कि छिंदवाड़ा में हुई अब तक 9 बच्चों की मौत कफ सीरप से नहीं हुई ये बात मध्यप्रदेश सरकार के स्वास्थ मंत्री राजेंद्र शुक्ला कह रहे हें, कैसे कफ सीरप को क्लीन चिट दे दी बिना जांच के-अभिनव बरोलिया, कांग्रेस प्रवक्ता

बीते 1 महीने में छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत हुई लेकिन सरकार ने महज 3 दिन पहले छिंदवाड़ा कलेक्टर का ट्रांसफर कर दिया नए बने छिंदवाड़ा कलेक्टर हरेंद्र नारायण मानते हैं कि जिन 9 बच्चों ने पहले से कफ सिरप पिया था उनकी मौत हो गई है। भले ही सरकार नहीं मान रही हो कि कफ सिरप के चलते मौत हुई है लेकिन छिंदवाड़ा कलेक्टर कह रहे हैं 5 बच्चे सीरियस है, क्योंकि अब उन सिरप पर रोक लग गई है हमें उम्मीद है आगे ऐसे केस नहीं आएंगे।

(( कफ सीरप पिया था उन्होंने बदलता हुआ मौसम का कफ कोल्ड की शिकायत होती है, सैंपल कराए गए उनमें कोई समस्या नहीं है जो डाउट था वो कफ सीरप पर उस पर कलेक्टर साहब ने रोक लगा दी थी,एडवाइजरी जारी की थी कि कोई भी ये 2 तरह के कफ सीरप न पिएं, इसकी जांच भी हुई तो कोई कफ सीरप बेंच तो नहीं रहा, बडे दुख की बात है कि जिन्होंने पहले से कफ सीरप पिया था उनमें से 9 बच्चों की मौत हो गई है, अभी मुझे बताया गया है कि 5 बच्चे सीरियस हैं हम दुआ कर रहे हैं कि वो ठीक हो जाएं, हमने कफ सीरप का कंपोजिशन हमने चैक करने के लिए भेजा है जिसकी रिपोर्ट भी जल्द आ जाएगी)-हरेंद्र नारायण नवागत कलेक्टर छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा में मासूमों की लगातार मौतों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को हिला दिया है। प्रशासन मान रहा है बच्चों की मौत कफ सिरप के चलते हुई है तो सरकार रिपोर्ट का इंतजार करने की बात जोह रही है, विपक्ष स्वास्थ्य मंत्री को कफ सिरप पिलाते दिख रहा है तो तो बच्चे प्रशासन और सरकार की नाकामी के चलते मौत का घूंट पी रहे है।

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