ममता के बयान पर बवाल जारी!

राजनीति में कब कौन सा बयान किस दिशा में बयार बहा दे ये कहना बड़ा मुश्किल है, हालिया दिनों में ममता बनर्जी का बयान किस तरह से बीजेपी ने हथिया है ये तो घाटनक्रमो से सामने है

पश्चिम बंगाल की राजनीति में रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ को लेकर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। पहले पीएम मोदी ने जमकर निशाना साधा। वहीं अब उन्हें टिप्पणी करने के लिए कानूनी नोटिस भेजा गया है। हालांकि इन सबके बीच उन्होंने सफाई दी है। बनर्जी ने परोपकारी कार्यों के लिए रामकृष्ण मिशन या भारत सेवाश्रम संघ की प्रशंसा की। उन्होंने सोमवार को कहा कि वह किसी संस्था के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन राजनीति में शामिल होने के लिए एक या दो लोगों की आलोचना की है। 

मैंने एक या दो व्यक्तियों के बारे में की थी बात
ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर एक बार फिर सोमवार को अपनी बात रखी।  उन्होंने बांकुड़ा के ओंदा में एक चुनावी सभा में कहा, ‘मैं रामकृष्ण मिशन के खिलाफ नहीं हूं। मैं किसी भी संगठन का अपमान क्यों करूंगी? किसी संगठन का अपमान नहीं किया है। मैं गंगासागर में भारत सेवाश्रम जाती हूं। वे मुझसे बहुत प्यार करते हैं, ख्याल रखते हैं, देश के लिए बहुत काम करते हैं। मैंने एक-दो लोगों के बारे में कहा था।’

ममता बनर्जी ने ऐसा क्या कह दिया कि सड़क पर उतर गए राम कृष्ण मिशन और सेवाश्रम संघ के साधु-संन्यासी?

हुगली के जयरामबाटी में 18 मई को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा था कि रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के कुछ सदस्यों को  दिल्ली से निर्देश मिलते हैं. वे दिल्ली के बीजेपी नेताओं के प्रभाव में काम कर रहे हैं. इसे लेकर राज्य के साधुओं ने रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ के कुछ साधुओं के खिलाफ मुख्यमंत्री की टिप्पणी के विरोध में 24 मई को कोलकाता में रैली निकालने का फैसला किया

पीएम मोदी ने बोला हमला

इससे पहले पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, “चुनाव में बंगाल के लोगों को डराने, धमकाने, हिंसा कराने वाली टीएमसी सरकार ने इस बार सारी हदें पार कर दी हैं। आज देश और दुनिया में इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन और भारत सेवाश्रम संघ, सेवा और सदाचार के लिए पूरी दुनिया में जाने जाते हैं, वे भारत का नाम रोशन करते हैं, लेकिन बंगाल की मुख्यमंत्री इन्हें खुले तौर पर धमका रही हैं। अपने वोट बैंक को सिर्फ खुश करने के लिए लाखों लोगों की भावनाओं का ख्याल नहीं। आध्यात्मिक गुरुओं का अपमान ये देश कभी नहीं सहेगा।”

बनर्जी ने बाद में सोमवार को बांकुरा जिले के बिष्णुपुर निर्वाचन क्षेत्र में एक सार्वजनिक रैली में स्पष्ट किया, “मैं रामकृष्ण मिशन (आरकेएम) के खिलाफ नहीं हूं. मुझे किसी संस्था के ख़िलाफ़ क्यों होना चाहिए और अनादर क्यों दिखाना चाहिए? 

द इंडियन एक्सप्रेस’ के मुताबिक उन्होंने आगे कहा, “मैंने केवल एक नाम का जिक्र किया और वह कार्तिक महाराज हैं. उन्होंने हमारे एजेंटों को मतदान केंद्रों में जाने की अनुमति नहीं दी. मुर्शिदाबाद में चुनाव से दो दिन पहले उन्होंने जिले में दंगा भड़का दिया. इसलिए मैंने उनका नाम लिया.” ममता के इस भाषण के बाद बीएसएस की बेलडांगा इकाई के प्रमुख स्वामी प्रदीप्तानंद, जिन्हें कार्तिक महाराज के नाम से भी जाना जाता है, ने तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो को कानूनी नोटिस भेजकर 48 घंटे के भीतर बिना शर्त माफी मांगने को कहा .

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