“मुख्य चुनाव अधिकारी को दें वित्तीय और प्रशासनिक स्वतंत्रता”

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
कोलकाता :चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव को 17 जुलाई को भेजे एक पत्र में राज्य इकाई को हो रही वित्तीय परेशानी से अवगत कराते हुए लिखा कि राज्य में मुख्य चुनाव अधिकारी के कार्यालय को बहुत सीमित वित्तीय अधिकार प्राप्त हैं। वह केवल माइनर परमानेंट एडवांस यानी छोटे बजट पर काम कर रहे हैं, जो वित्त विभाग से निर्भर होकर आता है। इससे उनकी स्वतंत्र कार्यक्षमता बाधित हो रही है।
गृह विभाग के अधीन है चुनाव कार्यालय
चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि मुख्य चुनाव अधिकारी का कार्यालय राज्य के गृह विभाग के अधीन रखा गया है। इस विभाग का प्रमुख एक प्रिंसिपल सेक्रेटरी स्तर का अधिकारी है, जबकि मुख्य चुनाव अधिकारी का पद अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) स्तर का होता है। आयोग ने इस स्थिति को जल्द से जल्द ठीक करने को कहा है।
चुनाव आयोग ने राज्य सरकार एक स्वतंत्र चुनाव विभाग कि बनाए जाने की सिफारिश की है , जो किसी अन्य विभाग से पूरी तरह अलग हो। इसके लिए एक अलग बजट की व्यवस्था की जाए ताकि चुनाव विभाग को स्वतंत्र वित्तीय और प्रशासनिक अधिकार मिल सकें। आयोग का कहना है कि यह स्वतंत्रता निष्पक्ष और प्रभावी चुनाव संचालन के लिए आवश्यक है।