संसद के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली:संसद का मानसून सत्र अपने 13वें दिन में पहुंच चुका है , लेकिन हालात अब तक वैसे ही हैं जैसे पहले दिन थे। हंगामे, नारेबाज़ी और स्थगन। बिहार SIR को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष आमने-सामने हैं।विपक्ष कह रहा है जब तक इस पर चर्चा नहीं होगी, तब तक संसद नहीं चलने देंगे।वहीं सरकार का कहना है कि यह मामला नियमों के तहत चर्चा योग्य नहीं है।
बिहार SIR (Special Investigation Report) पर बहस की मांग कर रहे विपक्षी सांसदों ने आज भी संसद के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया । लोकसभा और राज्यसभा – दोनों ही सदनों की कार्यवाही कुछ ही मिनटों में स्थगित करनी पड़ी।अब तक पूरे सत्र में सिर्फ दो दिन ही ऐसे रहे हैं जब सदन में बहस और विधायी कामकाज हुआ हो। विपक्ष का कहना है की ये सिर्फ़ बिहार का मामला नहीं है, ये पूरे सिस्टम का मामला है। जब तक बिहार SIR पर चर्चा नहीं होगी, हम संसद चलने नहीं देंगे। लोकतंत्र में सवाल पूछना अधिकार है, सरकार जवाब देने से क्यों डर रही है?”
सरकार का तर्क है कि बिहार SIR किसी राज्य विशेष से जुड़ा मामला है और संसद में इस पर नियमों के तहत चर्चा नहीं हो सकती।सत्तापक्ष का कहना है कि विपक्ष केवल सत्र को बर्बाद करने की कोशिश कर रहा है और जनता के मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं होने दे रहा। विपक्ष का रवैया पूरी तरह से गैर-जिम्मेदाराना है। हर बार कोई नया मुद्दा उठाकर सदन ठप करना लोकतंत्र नहीं है। अगर वे वाकई गंभीर हैं, सरकार अब मजबूरी में हंगामे के बीच भी बिल पास कराने का प्रयास करेगी ।
अब तक इस मानसून सत्र में सरकार ने कई अहम बिलों को सूचीबद्ध किया है,लगभग डेढ़ दर्जन के आस पास बिलों को सरकार को चर्चा कर पास करवाना है । ऐसे में आगे क्या होगा, इसको लेकर कोई जवाब किसी के पास नहीं है। क्यूंकि सदन चलाने को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सहमति बनते हुए नहीं दिख रही है ।