यौन पल्ली में सजा न्याय का मंदिर

यौन कर्मियों से मिले न्यायमूर्ति – श्रमिक का दर्जा दिलाने की मांग


आसनसोल: आसनसोल के यौनपल्ली लच्छीपुर में पहली बार न्यायाधीशों व जजों की टीम बुधवार को निरीक्षण करने पहुँची। आजादी के बाद शायद यह पहली बार होगा कि न्यायाधीशों व जजों की टीम यौन कर्मियों की बस्ती में उनकी समस्याओं को के समाधान जानने के लिए पहुंची होगी । इस दौरान पहुंची टीम ने यौन कर्मियों की पूरी बस्ती का निरीक्षण किया और उन्हें कानूनी अधिकारों और नियमो से भी अवगत कराया। न्यायिक टीम ने यौन कर्मियों से सरकारी योजनाओ के मिलने वाले लाभार्थियों और वंचितों के बारे में बात की। यौन कर्मियों ने इस बस्ती के लोगो की भविष्य की चिंता के साथ श्रमिक की श्रेणी मे लाने की मांग की जिससे उनको उनके आने वाले भविष्य मे लाभ मिल सके।
गौरतलब है कि यौन कर्मी दुरबार महिला उत्थान समिति के बैनर पर केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन्हें भी श्रमिक का दर्जा दिया जाए। अन्य श्रमिकों की तरह सेवानिवृत्ति के बाद उन्हें भी पेंशन से जोड़ा जाए ताकि उनका बुढ़ापा किसी तरह कट जाए। इसके लिए यौन कर्मियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। इस विजिट को इसी कानूनी प्रक्रिया से जोड़ कर देखा जा रहा है। न्यायमूर्ति सोमेन सेन पूरे न्यायिक व प्रशासनिक टीम के साथ यौनपल्ली जाकर यौन कर्मियों से मुलाक़ात भी कर चुके हैं, उनकी दिन चर्या से भी वह अवगत हो चुके हैं.
इससे पूर्व यौन कमियों ने न्याय मूर्ति की पूरी टीम का भव्य स्वागत किया। लच्छीपुर मे दुरबार कार्यालय मे न्याय मूर्ति व उनकी पूरी टीम को स्वागत करने का कार्यक्रम भी यौन कर्मियों द्वारा आयोजित किया गया। न्याय मूर्ति सोमेन सेन सहित उनके साथ आई उनकी पूरी टीम को फूलों का गुलदस्ता देकर स्वागत किया।

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