14 घंटे मूर्ति पानी में अटकी रही
चंद्रग्रहण के समय हुआ विसर्जन

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
मुंबई ;गणेशोत्सव का सबसे भव्य आकर्षण माने जाने वाले लालबाग के राजा की विसर्जन शोभायात्रा में विघ्न पड़ गया। इस साल करीब 14 घंटे देरी से मूर्ति का विसर्जन गिरगांव चौपाटी पर किया गया। चौपाटी पहुंचने में 15 मिनट की देरी लालबाग के ट्रस्ट को भारी पड़ा। इसका नतीजा यह रहा कि विसर्जन में 14 घंटे की देरी हुई। मूर्ति घंटों समंदर में अटकी पड़ी रही। ना चाहते हुए भी मूर्ति का विसर्जन चंद्रग्रहण के समय किया गया। 6 सितंबर की दोपहर 12 बजे शुरू हुई यह यात्रा, पूरे 33 घंटे बाद 7 सितंबर को देर रात में जाकर समाप्त हुई है।
मोटराइज्ड तराफे (फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म) से विसर्जन की नई कोशिश हुई फेल
इस बार लालबागचा राजा की मूर्ति विसर्जन के लिए गुजरात में बनाए गए मोटराइज्ड तराफे (फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म) का उपयोग किया गया। लेकिन मूर्ति को इस तराफे पर विराजमान करने की प्रक्रिया काफी जटिल और समय लेने वाली साबित हुई। कई घंटों की मशक्कत के बाद ही मूर्ति को तराफे पर स्थिर किया जा सका।
समुद्र में हाइ और लो टाइड का आकलन गलत साबित हुआ
सुबह जब लाल बाग के राजा गिरगांव चौपाटी पहुंचे तब तक समुद्र में लो टाइड का समय खत्म हो चुका था। हाइ टाइड होने की वजह से मूर्ति को फ्लोटिंग प्लेटफॉर्म पर चढ़ाने में काफी अड़चनें आ रही थी। विसर्जन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए मंडल को लो टाइड का इंतजार करना पड़ा मिली जानकारी के अनुसार लालबाग के राजा सुबह करीब साढ़े 7 बजे गिरगांव चौपाटी पहुँचे। उस समय लो टाइड (कम ज्वार) का समय निकल चुका था और समुद्र में ऊँची-ऊँची लहरें उठ रही थीं। अगर मूर्ति सुबह 5:16 बजे लो टाइड के समय चौपाटी पर पहुँची होती, तो ट्रॉली से तराफे पर आसानी से विसर्जन संभव था।
चार मीटर से ज्यादा ऊंची थी लहरें
लेकिन देरी के चलते मूर्ति समुद्र की उफनती लहरों में आधी डूबी रही और ट्रॉली से तराफे पर स्थानांतरित नहीं हो सकी।सुबह 11:44 बजे समुद्र में 4.43 मीटर ऊँची लहरें उठ रही थीं, जिससे विसर्जन असंभव हो गया। मजबूरन मंडल को शाम 6 बजे तक लो टाइड का इंतजार करना पड़ा।
श्रद्धालुओं की आस्था और धैर्य की परीक्षा
करीब शाम 7:30 बजे मूर्ति को ट्रॉली से तराफे पर स्थानांतरित किया गया और रात 8:30 बजे तराफा समुद्र में आगे बढ़ा। इसके बाद देर रात को ही मूर्ति का विधिवत विसर्जन संपन्न हुआ। 33 घंटे तक चली इस प्रक्रिया ने लाखों भक्तों की श्रद्धा और धैर्य की कठिन परीक्षा ली। लालबागचा राजा मंडल के सचिव सुधीर साल्वी ने कहा –“हमारा विसर्जन पूरी तरह भरती और ओहोटी पर निर्भर करता है। लालबागचा राजा करोड़ों भाविकों का श्रद्धास्थान है, इसलिए हम परंपरा अनुसार तराफे पर ले जाकर ही विसर्जन करते हैं। इस बार भरती जल्दी आ गई और हमें 15 मिनट की देरी हुई, जिससे आगे की सारी प्रक्रिया अटक गई। इस देरी के लिए हम खेद व्यक्त करते हैं और मुंबई पुलिस व बीएमसी प्रशासन का आभार मानते हैं।”
विसर्जन शोभायात्रा में चोरों ने जमकर लूटी जेब
लाल बाग के राजा के विसर्जन शोभायात्रा के दौरान चोरों का बल्ले बल्ले रहा है। भीड़ का फायदा उठाते हुए चोरों ने आम लोगों की जमकर जेब लूटी है। करीब 50 लोगों के जेब से मोबाइल, वॉलेट, गले के चैन पर हाथ साफ किया है। इस मामले में पुलिस ने 10 अलग अलग जगहों पर FIR दर्ज कर 15 लोगों को गिरफ्तार किया है।
विसर्जन के दौरान 22 डूबे, 13 की मौत
महाराष्ट्र में अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन के दौरान कुल 22 लोग पानी में डूबे हैं। जिसमें में से 13 लोगों की मौत हुई है। जबकि 9 लोग अब भी लापता है। जिनका कोई भी सुराग अभी तक नहीं लग पाया है। कल्याण के शाहपुर तालुका में आसानगांव के पास शनिवार के दिन मूर्ति विसर्जन के लिए गए 5 युवक पानी डूब गए। जिसमें से दो की मौत हुई है, दो को बचा लिया गया है, जबकि 1 युवक लापता है। इसी तरह से उत्तर महाराष्ट्र में 5, पुणे में 4 और विदर्भ में दो लोगों की मौत पानी डूबने की वजह से हुई है। वहीं में मुंबई में गणेश शोभायात्रा के दौरान अंधेरी के साकीनाका परिसर में बिजली के चपेट में आने से 5 लोग बुरी तरह से झुलस गए। जिसमें एक शख्स की मौत हुई है। बताया जा रहा है कि यह हादसा विसर्जन ट्रॉली पर बिजली का तार छू जाने की वजह से हुआ है। जख्मियों का इलाज अलग अलग अस्पतालों में चल रहा है।