BJP की सहयोगी TDP ने EC को लिखा पत्र
कहा -स्पष्ट करें SIR का दायरा

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली :चुनाव आयोग ने बिहार में जो वोटर लिस्ट का विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) शुरू किया है, उसका तकरीबन 90.84 प्रतिशत काम शाम 6 बजे तक आकड़ों के अनुसार (सोमवार) ही पूरा हो चुका है. पांच से दस प्रतिशत मतदाताओं का फॉर्म बचा हुआ है, जिसके लिए अभी दस दिनों का समय है
बिहार में चुनाव से पहले मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) चल रहा है। इसको लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है। वहीं अब बीजेपी की ही सहयोगी तेलुगु देशम पार्टी (TDP) ने चुनाव आयोग से इस प्रक्रिया के दायरे पर स्पष्टता की मांग की है। इसके अलावा TDP ने कहा है कि यह स्पष्ट किया जाना चाहिए कि प्रक्रिया नागरिकता वेरिफिकेशन से संबंधित नहीं है।

NDA सहयोगी TDP ने भविष्य के SIR अभ्यास पर दिए सुझाव
किसी भी राज्य में नवीनतम मतदाता संशोधन अभ्यास में शामिल मतदाताओं से पुनः सत्यापन न कराया जाए।
सत्यापन का बोझ (प्रूफ-ऑफ-बर्टन) मतदाता पर नहीं, बल्कि ECI (निर्वाचन आयोग) अधिकारियों पर होना चाहिए।
नामांकन और नाम हटाने के लिए घर-घर सर्वे में सभी राजनीतिक दलों के बूथ-स्तरीय एजेंट्स (प्रतिनिधि) को शामिल किया जाए।
यदि 2029 के चुनावों के लिए आंध्र प्रदेश में SIR शुरू करना है, तो इसे तुरंत आरंभ करके मतदाताओं को पर्याप्त समय दिया जाए।
“SIR का दायरा स्पष्ट रूप से परिभाषित होना चाहिए और मतदाता सूची में सुधार और समावेशन तक सीमित होना चाहिए। यह स्पष्ट रूप से सूचित किया जाना चाहिए कि यह प्रक्रिया नागरिकता वेरिफिकेशन से संबंधित नहीं है और किसी भी क्षेत्रीय निर्देश में यह अंतर स्पष्ट रूप से दिखाई देना चाहिए।”