शिक्षकों का अर्धनग्न विरोध प्रदर्शन

S C के आदेश के बाद जारी हुयी अधिसूचना


कोलकाता। विकास भवन के सामने शिक्षकों का अर्धनग्न विरोध प्रदर्शन। ये शिक्षक अपनी नौकरी की बहाली और न्याय के लिए लम्बे समय से संघर्ष कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में शिक्षक, छात्र, और अन्य समर्थक भी शामिल हैं. पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे सभी शिक्षकों को हिरासत में लेकर बिधाननगर थाने भेज दिया है। विकास भवन के सामने शिक्षकों का अर्धनग्न विरोध प्रदर्शन, पश्चिम बंगाल में शिक्षक चल रहा प्रदर्शन है, जहां शिक्षक अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. गौरतलब है कि यह प्रदर्शन 15 मई को शुरू हुआ था। शिक्षकों के संघर्ष का परिणाम आखिरकार रंग तो लाया और राज्य सरकार गुरुवार रात स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) ने पश्चिम बंगाल के सरकारी स्कूलों में कक्षा नौ-दस और 11-12 के लिए सहायक शिक्षकों की भर्ती का अधिसूचना जारी की लेकिन 2016 की रद्द हुई पैनल के ‘योग्य’ शिक्षकों के लिए जारी अधिसूचना ने आंदोलन की चिंगारी ने आग में घी का काम किया । इन शिक्षकों ने शुक्रवार को राज्य सचिवालय नाबन्ना की ओर अर्धनग्न होकर मार्च निकालने का ऐलान किया। अपने एलान के मुताबिक ये शिक्षक अर्धनग्न प्रदर्शन कर रहे थे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अप्रैल में 2016 के शिक्षक पैनल को रद्द करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि 31 मई तक नई भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी किया जाए। उसी निर्देश का पालन करते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा था कि 30 मई को नोटिफिकेशन प्रकाशित किया जाएगा। एसएससी ने समय पर अधिसूचना तो जारी कर दी, लेकिन इसी के साथ उन शिक्षकों का गुस्सा भी फूट पड़ा, जिन्होंने पहले ही परीक्षा देकर अपनी योग्यता साबित की थी।

प्रदर्शनकारी शिक्षकों का कहना है कि वे एक बार पहले ही चयनित हो चुके हैं, इसलिए दोबारा परीक्षा में बैठना उनके आत्मसम्मान के खिलाफ है। मुख्यमंत्री पहले ही स्पष्ट कर चुकी हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश को मानना ही होगा और सभी को फिर से परीक्षा देनी होगी। लेकिन शिक्षक अपने पुराने पैनल के आधार पर बहाली की मांग पर अड़े हुए हैं। राज्य सरकार इन शिक्षकों को अन्य विभागों में नियुक्ति देने का भी प्रस्ताव दे चुकी है और मुख्यमंत्री ने धैर्य रखने की अपील की है। बावजूद इसके, शुक्रवार को नाबन्ना घेराव के जरिए शिक्षकों का गुस्सा खुलकर सामने आ गया ।

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