शुभांशु शुक्ला ने की पीएम मोदी से मुलाकात

अंतरिक्ष यात्रा के अनुभव की दी जानकारी

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली :अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में जाकर इतिहास रचने वाले ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने सोमवार को पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने पीएम मोदी को अंतरिक्ष यात्रा के बारे में जानकारी दी। शुभांशु शुक्ला ने पीएम मोदी को अंतरिक्ष यात्रा और उनके अनुभव के बारे में बताया और अपने प्रयोगों से भी अवगत कराया।
गौरतलब है कि शुभांशु रविवार सुबह भारत लौटे । देश वापसी पर उनका दिल्ली एयरपोर्ट पर ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार स्वागत हुआ।इस दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और इसरो प्रमुख वी नारायणन समेत बड़ी संख्या में लोग शुभांशु का स्वागत करने पहुंचे थे। शुभांशु की पत्नी कामना और बेटा कियाश भी एयरपोर्ट पर मौजूद थे।
शुभांशु की करीब एक साल बाद वतन वापसी हुई है। आईएसएस जाने के लिए उन्होंने लगभग एक साल तक अमेरिका में प्रशिक्षण लिया। शुभांशु के साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी भारत लौटे, जिन्हें एक्सिओम-4 मिशन के लिए बैकअप अंतरिक्ष यात्री के तौर पर चुना गया था।
उल्लेखनीय है कि सरकार ने सोमवार को लोकसभा में एक विशेष चर्चा का प्रस्ताव रखा है। यह चर्चा शुभांशु की भारत वापसी को चिह्नित करने के लिए आयोजित की जा रही है। लोकसभा में होने वाली चर्चा का विषय है, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत का पहला अंतरिक्ष यात्री-विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की भूमिका।
शुभांशु की घर वापसी पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा, भारत के लिए गर्व का क्षण है। इसरो के लिए गौरव का क्षण है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इसे संभव बनाने वाली सरकार के प्रति कृतज्ञता का क्षण है। भारत का अंतरिक्ष गौरव देश की धरती को छू रहा है। भारत माता के सबूत दिल्ली पहुंच रहे हैं। शुभांशु ने एयरपोर्ट पर स्वागत किए जाने पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र को धन्यवाद दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, धन्यवाद सर। घर वापस आकर निश्चित रूप से अच्छा लग रहा है।
जानकारी के लिए बता दें कि शुभांशु एक्सिओम-4 मिशन का हिस्सा थे, जो 25 जून को फ्लोरिडा से रवाना हुआ और 26 जून को आईएसएस पर पहुंचा। शुभांशु की 15 जुलाई को धरती पर वापस हुई। तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों पैगी व्हिटसन (अमेरिका), स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड) और टिबोर कापू (हंगरी) के साथ शुभांशु ने 18 दिनों के मिशन के दौरान 60 से अधिक प्रयोग और 20 आउटरीच सत्र आयोजित किए।

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