
आपको पता नहीं चल रहा है लेकिन आपके दिन का समय बढ़ता जा रहा है. क्योंकि हमारी धरती के घूमने की गति बदल रही है.जलवायु संकट बीते कुछ समय में दुनिया के सामने एक बड़ी चुनौती के तौर पर उभरा है। बर्फ की चादरों और वैश्विक ग्लेशियरों के पिघलने से ना केवल समुद्र का स्तर बढ़ रहा है, बल्कि दिन भी लंबे हो रहे हैं। एक नई रिसर्च से पता चलता है कि ध्रुवीय बर्फ के पिघलने से पृथ्वी ग्रह अधिक धीमी गति से घूम रहा है, जिससे दिनों की लंबाई ‘अभूतपूर्व’ दर से बढ़ रही है।
पृथ्वी की घूर्णन गति में परिवर्तन हो रहा है। यह परिवर्तन धीमी गति से हो रहा है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है।
पृथ्वी की घूर्णन गति में परिवर्तन के दो मुख्य कारण हैं:
- चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल: चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी को धीमा करता है। चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर घूमता है, और इस प्रक्रिया में यह पृथ्वी से द्रव्यमान को खींचता है। यह द्रव्यमान पृथ्वी के केंद्र की ओर जाता है, जिससे पृथ्वी का घूर्णन धीमा होता है।
- समुद्र के ज्वार-भाटा: समुद्र के ज्वार-भाटा भी पृथ्वी की घूर्णन गति को धीमा करते हैं। जब चंद्रमा और सूर्य के गुरुत्वाकर्षण बल समुद्र के जल को खींचते हैं, तो यह जल पृथ्वी के घूर्णन के विपरीत दिशा में बहता है। यह जल का घर्षण पृथ्वी के घूर्णन को धीमा करता है।
जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव कई रूपों में देखे जा रहे हैं, लेकिन अब इससे पृथ्वी की गति पर भी असर हो रहा है। एक नए अध्ययन के मुताबिक पृथ्वी के उत्तरी और दक्षिणी धु्रवों पर स्थित ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की बर्फ तेजी से पिघल रही है, जिसका पानी भूमध्य रेखा की ओर आ रहा है। इससे पृथ्वी का द्रव्यमान बढ़ रहा है और पृथ्वी के घूमने की गति धीमी हो रही है। पृथ्वी की गति धीमी होने से दिन की लंबाई बढ़ रही है। शोध के अनुसार दिन की लंबाई 86, 400 सेकंड से कुछ मिली सेकंड बढ़ जाती है। यह जानकारी प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज में प्रकाशित शोध पत्र में सामने आई है।