आज के ही दिन लाई गई थी शहीद उधम सिंह की अस्थियां |

ऐसा कहते हैं कि इतिहास से अच्छा कोई दूसरा गुरू नही हो सकता. इतिहास केवल खुद में घटनाओं को नहीं समेटता है, बल्कि हमें बहुत कुछ सिखाता भी है. ऐसे ही हर दिन किसी न किसी इतिहास से जुड़ा होता है. इसी तरह भारत के इतिहास में का दिन बहुत अहमियत रखता है.आज का दिन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि आज ही के दिन क्रांतिकारी उधम सिंह की देशभक्त अस्थिया भारत लाई गई थी

भारत के इतिहास में दर्ज जलियांवाला बाग नरसंहार के बारे में कौन नहीं जानता? उस काले दिन के बारे में सोचकर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हजारों भारतीयों की नृशंस हत्‍या तत्‍कालीन जनरल डायर के आदेश पर हुई थी

उधम सिंह ने जलियांवाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर जनरल डायर और पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर को सबक सिखाने की प्रतिज्ञा ले ली। 21 साल बाद इस नरसंहार का बदला लिया गया। उन्होंने जलियांवाला बाग कांड के समय पंजाब के गर्वनर जनरल रहे माइकल ओ डायर को लंदन में जाकर गोली मारी दी थी।

26 दिसंबर 1899 को पंजाब के गांव सुनाम (संगरूर) में जन्मे शहीद ऊधम सिंह सर्वधर्म समभाव के पुरोधा थे। यही कारण है कि 10 धर्म इनके साथ जुड़े हैं। लोग उनको मोहम्मद सिंह आजाद नाम से भी जानते हैं। इस नाम से उनका जिक्र लंदन में उनके केस की फाइलों से मिलता है। सिंह हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचएसआरए) और गदर पार्टी से जुड़े थे. उन्हें पंजाब के पूर्व लेफ्टिनेंट गवर्नर माइकल ओ ड्वायर की हत्या के लिए जाना जाता है. उधम सिंह का शुरूआत में नाम शेर सिंह था, जो कि बाद में बदलकर उधम कर दिया गया था. सिंह के पिता का नाम तहल सिंह और माता का नाम नारायण कौर था. उधम दो भाई थे और वह छोटे थे. उनके माता-पिता की मृत्यु तब ही हो गई थी जब वह बहुत छोटे थे, जिसके कारण दोनों भाईयों की परवरिश अनाथालय में हुई थी. सिंह के भाई की गंभीर बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. जिसके बाद उधम ने प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ब्रिटिश भारतीय सेना में सेवा की.





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