open AI ने ले ली जान? क्यों करनी पड़ी ‘आत्महत्या’?

open AI ने ले ली जान? क्यों करनी पड़ी ‘आत्महत्या’?

ओपनएआई के लिए काम कर चुके AI विह्सलब्लोअर सुचिर बालाजी की मौत को आत्महत्या बताई जा रहा है लेकिन इसके पीछे की वजह क्या हो सकती हैं, ये एक अहम सवाल है क्योंकि वे ओपन AI के खिलाफ थे।

ओपनएआई के लिए काम कर चुके और कंपनी के खिलाफ आवाज उठाने वाले विह्सलब्लोअर भारत-अमेरिका AI रिसर्चर सुचिर बालाजी की उनके फ्रांसिस्को अपार्टमेंट में लाश पाई गई. इस ‘हादसे’ के लिए अब कहा जा रहा है कि सुचिर ने आत्महत्या की है. चार सालों तक ओपनएआई के लिए शानदार काम कर चुके और चैट जीपीटी के डेवलपमेंट में बड़ी भूमिका निभाई है. बालाजी दुनिया भर की नजरों में तब सामने आए थे जब उन्होंने Open Ai पर कई आरोप लगाए थे.

सुचिर का कहना था कि ChatGPT बनाने के लिए बिना अनुमति के पत्रकारों, लेखकों, प्रोग्रामरों के भी कॉपीराइटेड मटीरियल का इस्तेमाल किया गया है जिसका सीधा असर कई बिजनेसों और कारोबारों पर पड़ेगा. उनकी नॉलेज और गवाही से ओपनएआई के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों में बड़ा असर पड़ सकता था.

महज 26 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कहने पर मजबूर हुए सुचिर की तस्वीर लिंक्डन प्रोफाइल से वायरल हुई है. बालाजी वह शख्स थे जिन्होंने एआई में योगदान तो दिया ही था बल्कि इस कंपनी में गलत परंपराओं ओर हरकतों को लेकर मजबूत आवाज उठाई थी. माना जा रहा है कि ओपनएआई के खिलाफ चल रहे कानूनी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

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