जानें कैसा रहा गौतम अदाणी का सफर….. किन हालातों से जूझकर अदाणी बनें बाजीगर?

जानें कैसा रहा गौतम अदाणी का सफर….. किन हालातों से जूझकर अदाणी बनें बाजीगर?

कहा जाता है कि आदमी को मेहनत से कम और किस्मत से ज्यादा कुछ नहीं मिलता। पर क्या हो अगर आपको किस्मत से भी ज्यादा कुछ मिले। ऐसे ही एक इंसान जिनके अटूट लग्न से जिन्होंने बड़े दिग्गजों को पीछे छोड़ दुनिया के बाजीगर बन गए। एक ऐसी ही हस्ती के बारे में जो न कोई चांदी के चम्मच को लेकर पैदा हुए, न किसी अमीर परिवार में जन्म लिया न ही किसी बड़े इंसान का हाथ उनके सर पर था। जिंदगी के कठोर रास्तों में चलते-चलते उस इसांन ने अपनी हाथ की रेखाओं को ब्लकि अपने रास्तों को भी आसान बनाया।

हम बात कर रहे है दिग्ग्ज कारोबारी गौतम अदाणी की बारे में इनकी लाइफ ठीक फिल्म की कहानी की तरह है। एक साधारण से चौल से निकलकर अदाणी ने वॉरेन बफेट, बिलगेटस जैसे कारोबारियों को पीछे छोड़ दिया। एक साइकिल से साड़ी बेचने से लेकर इतना बड़ा अदाणी का नाम सुर्खियों में बना हुआ है। अपनी बुलंदी से अदाणी ने सबको चौका दिया।अब वहीं अदाणी ने अपने कई उतार- चढ़ाव के साथ अपने फर्श से अर्श की जिंदगी को कायम रखा। अब वहीं अदाणी ने 70 साल की उम्र में रिटायरमेंट लेने की योजना बना ली है और अदाणी ने अपने उत्तराधिकारियों का मैप भी साझा किया है। अदाणी की संपत्ति 4 भागों में बटेगी अदाणी के बेटे करण, जीत और उनके चचरे भाई प्रणव और सागर। आज अदाणी के इसी उतार-चढ़ाव के बारे में बात करेंगे।

साल 1964 में अदाणी का जन्म हुआ। वो एक गुजरात के एक छोटे से गांव से ताल्लुक रखते थे। गौतम अदाणी के पिता एक साधारण से कपड़ा व्यापारी थे पर इस बिजनेस से खास कुछ नहीं हो पा रहा था। अदाणी ने अपनी पढ़ाई उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा अहमदाबाद के शेठ सीएन विद्यालय से की। गुजरात विश्वविद्यालय में उन्होंने कॉमर्स की डिग्री के लिए प्रवेश लिया,अदाणी कॉमर्स की पढ़ाई करने के लिए अहमदाबाद पहुंचे पर आर्थिक स्थति ठीक नहीं होने के कारण दूसरे वर्ष के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी। अदाणी अपने परिवार को गरीबी से निकलना चाहते थे पर वो जॉब से सही नहीं हो सकती थी। वो कुछ अलग जस्बा लेकर मुंबई निकल गए। उनके कदम 1978 मुंबई में पड़ चुके थे। फिर, उन्हें उनके चचरे भाई ने डायमंड फैक्ट्री में काम में लगा दिया और वहां से उन्होंने trading की 10,000 कमीशन के तौर पर मिले इससे अदाणी के लिए एक नया रास्ता खुल गया। अदाणी के चचरे बड़े भाई ने 1981 में अपने बिजनेस को संभालने के लिए बुलाया उन्होंने अपने बड़े भाई के बिजनेस को आगे बढ़ाया और खुद का बिजनेस शुरु कर दिया।1985 में उन्हें बड़ा ब्रेक मिला जब राजीव गांधी की सरकार में आयात नितियों को आसान बना दिया। 1986 में गौतम अदाणी ने शादी कर ली।

उन्हें ट्रेडिंग का अनुभव तो नहीं था पर उन्होंने इसका पूरा फायदा उठाया और ट्रेडिंग के बिजनेस में सिफ्ट हो गए। भाई के फैक्ट्री के पॉली विनाइल क्लोराइड (PVC)का आयात किया और छोटे Small Scale Indusrty को कच्चा माल भी सप्लाई किया। उन्होंने इस में शुरुआत कर दी और अवसर देखते हुए Kandla Port पर प्लास्टिक का आयात शुरु किया। इसके बाद 1988 में अदाणी ग्रुप सामने आया पर 1991 में अदाणी ग्रुप को उड़ान मिली जब नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने कुछ बड़े बदलाव किए। पहले ये कृषि से संबधित थी फिर धीरे-धीरे मेटल, कपड़े और अन्य कारोबार शुरु कर दिया। कुछ ही साल में अदाणी का नाम बाजार में दौड़ पड़ा था। 1994 में अदाणी ग्रुप शेयर मार्केट में लिस्ट हो चुका था। 1995 में कंपनी मुकाम तक पहुंची क्योंकि उन्हें भारत का सबसे बड़ा पोर्ट मुंद्रा पोर्ट को चलाने का टेंडर मिल चुका था। फिर 1998 में, Adani Port & Logistics की शुरुआत की। आपको बता दे कि आज ये एक बड़ा पोर्ट है यहां से करीबन 1/4 माल की आवाजाही होती है। ये एक स्पेशल इकॉनमी जोन में आता है और यहां प्रोमोटर्स को कोई टैक्स या जीएसटी नहीं देना होता है। 1995 में तो अदाणी का सिक्का चल पड़ा था। पर 1 जनवरी 1988 में अदाणी को बंदूक के नोक पर किडनैप कर लिया गया था।इसके बाद करीब 11 लाख करोड़ फिरौती की मांग की इसके बाद अदाणी ने बॉडीगार्ड रख लिया। 1999 में अदाणी ग्रुप ने विलमार कंपनी के साथ मिला लिया। फिर 2005 में अनाज रखने के लिए बड़े- बड़े कंटेनर्स रखने लगे। इसी बीच 2008 में अदाणी फिर मौत के मुंह में जा पहुंचे ताज होटल का हमले में अदाणी भी मौजूद थे।

फिर भी वो आगे बढ़ते गए फिर उन्हें कोयले में फायदा दिखा। 2010 में इंडोनेसिया में MINING COAL इंडस्ट्री खोला और बड़े-बड़े राज्यों को बिजली सप्लाई की। फिर,2011 में अदाणी ग्रुप ने Austrailia Terminal खरीदा। 2017 में सोलर पीभी पैनेल बनाना शुरु किया। फिर धीरे-धारे एयरपोर्ट भी शुरु किया। 2022 में साल के शुरुआत में एशिया के सबसे अमीर और दिग्गज कारोबारी मुकेश अंबानी को पीछे छोड़ दिया और खुद पहले नम्बर पर आ गए। अदाणी ने 60वें जन्मदिन पर 60 हजार करोड़ का दान किया। फिर 2023 में शेयर की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई फिर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आई इस रिपोर्ट ने मानो भूचाल ला दी हो। अदाणी के जिंदगी में का सफर फिर से कुछ डगमगा सा गया था। फिर उस साल अमीरों के लिस्ट में गौतम अदाणी अमीरों के लिस्ट में 21वें नम्बर पर आ गए। फिर उसके बाद फिर गौतम अदाणी ने डूबती नईया को किनारा लगाया। 2023 में अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी ने फुल कैपेसिटी से गोड्डा पावर प्लांट शुरू की और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना से मुलाकात की। यह अडाणी ग्रुप का पहला इंटरनेशनल पावर प्लांट है।2024 में गौतम अडानी की अगुवाई वाले अडानी ग्रुप ने ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। ग्रुप ने जापान, ताइवान और हवाई में ग्रीन अमोनिया, ग्रीन हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव्स की मार्केटिंग के लिए एक जॉइंट वेंचर बनाया है।2024 यानी अगस्त में अदाणी की संपत्ति करीबन $8,410 करोड़ की नेट वर्थ है। अब 62 साल के गौतम अदाणी ने रिटायरमेंट की तैयारी में है। और अपनी कुल संपत्ति को 4 भागो में बांटने के बारे में सोचा है। गौतम अडानी के बेटे करण, जीत और उनके चचेरे भाई प्रणव और सागर पारिवारिक ट्रस्ट में बराबर की हिस्सेदारी रखेंगे।देश की तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक घराने अडानी ग्रुप का बिजनस 213 अरब डॉलर का है और कई क्षेत्रों में फैला है।

प्रणव अडानी
प्रणव अडानी ग्रुप के एग्रो, ऑयल एंड गैस बिजनस के MD हैं। 1999 से उन्होंने अडानी विल्मर लिमिटेड में अहम भूमिका निभाई है। इसके फॉर्च्यून ब्रांड की देश के खाद्य तेल बाजार में 20% से अधिक हिस्सेदारी है। अडानी ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक अडानी Agree Logistics और अडानी एग्री फ्रेश जैसे इनिशिएटिव प्रणव के दिमाग की उपज हैं। अडानी गैस लिमिटेड आज देश की सबसे बड़ी लिस्टेड सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी है। प्रणव ने बोस्टन विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की डिग्री प्राप्त की है। साथ ही उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से ओनर्स मैनेजमेंट प्रोग्राम की पढ़ाई की है।


करण अडानी
गौतम अडानी के बड़े बेटे करण अडानी Ports एंड APSEZ लिमिटेड के MD हैं। वह ग्रुप के सीमेंट, पोर्ट्स और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को देखते हैं। अडानी ग्रुप की वेबसाइट के मुताबिक करण APSEZ को एक इंटिग्रेटेड लॉजिस्टिक्स कंपनी में बदलने पर फोकस कर रहे हैं। करण अमेरिका की पर्ड्यू यूनिवर्सिटी से Economics पढ़े हैं। उन्होंने APSEZ को आगे बढ़ाया है। आज इस कंपनी के पास दस पोर्ट और टर्मिनल हैं।
सागर अडानी
सागर अडानी ने अमेरिका की ब्राउन यूनिवर्सिटी से Economics की डिग्री लेने के बाद 2015 में अडानी ग्रुप जॉइन किया। सागर अडानी ग्रुप के एनर्जी Business एंड Finance को मैनेज करते हैं। उन्हें अडानी ग्रीन एनर्जी के सोलर और विंड पोर्टफोलियो का श्रेय दिया जाता है।
जीत अडानी
गौतम अडानी के छोटे बेटे जीत अडानी ने पेंसिल्वेनिया यूनिवर्सिटी-स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड अप्लाइड साइंसेज में पढ़ाई करने के बाद 2019 में अडानी ग्रुप को जॉइन किया। जीत अडानी देश के सबसे बड़े प्राइवेट एयरपोर्ट नेटवर्क और अडानी ग्रुप के डिजिटल बिजनस को देखते हैं।

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