आईसीएमआर ने किया देश का पहला डायबिटीज बायोबैंक

आईसीएमआर ने किया देश का पहला डायबिटीज बायोबैंक

आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में, बीमारियाँ भी तेजी से फैल रही हैं। उनमें से एक प्रमुख बीमारी है डायबिटीज। जो ना केवल बड़े लोगों, बल्कि बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है।भारत में लगभग 11 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, और यह संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

लेकिन अब एक बड़ी राहत की खबर आई है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद यानी ICMR ने देश का पहला ‘डायबिटीज बायोबैंक’ स्थापित किया है।यह बायोबैंक देशभर से एकत्रित डायबिटीज पीड़ितों का डेटा एकत्र करेगा, ताकि समय रहते इसकी पहचान की जा सके और इससे बचाव के उपायों पर काम किया जा सके।
इस बायोबैंक के जरिए वैज्ञानिक अब डायबिटीज के जोखिम कारकों का अध्ययन करेंगी। इसके जरिए डॉक्टर डायबिटीज के खतरे का पहले ही पता लगा सकेंगे और जल्द ही इलाज शुरू कर सकेंगे।

यह बायोबैंक न केवल मरीजों के लिए, बल्कि देशभर में लोगों को डायबिटीज के प्रति जागरूक करने का भी एक अहम कदम है।
अगर समय रहते इसका पता लग जाए, तो डायबिटीज के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है और इसके खतरनाक परिणामों से बचा जा सकता है।
तो अब, ICMR के इस प्रयास से डायबिटीज पर नियंत्रण पाना और इसके खतरों से बचना और भी आसान हो सकता है। हमें बस जागरूक रहना होगा और अपनी सेहत का ध्यान रखना होगा।

अपने स्वास्थ्य को लेकर सचेत रहें, और डायबिटीज से बचने के उपाय अपनाएं।

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