गुजरात में ये कैसी शराब बंदी ?

जिस पर शराब बंदी की जिम्मेदार वही नशे में धुत्त
क्या यही है गुजरात मॉडल ?


वड़ोदरा। गुजरात में शराबबंदी है, ये तो सबको पता है। लेकिन कुछ लोग हैं, जो जुगाड़ लगाकर शराब लाने की कोशिश करते रहते हैं। कभी नाव से, कभी एम्बुलेंस से, तो कभी जंगल में पुरानी गाड़ियों से शराब लाते हैं। लेकिन पूरे गुजरात में कभी किसी पुलिस वाले को शराब लाते या खुले आम पीते देखा है। जी हां वडोदरा में एक पुलिस कर्मी धुत्त नशे में कार चलाते हुए कई वाहनों को मारी टक्कर। जब इस पुलिस कर्मी ने छानी फ़र्टिलाइज़र के पास वाहन को टक्कर मारी तो वह के लोगो ने उसे गाडी समेत पकड़ लिया। बताया जा रहा कि ये पुलिस कर्मी नर्मदा जिले ट्रैफिक विभाग के पीएसआई वाई.एच. पढियार है।
वर्दी का घमंड इतना की पूछो मत, चोरी और सीनाजोरी की कहावत तो काफी पुरानी है लेकिन वो इस पुलिस कर्मी उसी पर काम कर रहा है। एक तो राज्य में शराब बंदी ऊपर से लोगो पकड़ने के बजाय नशे में धुत्त होकर गाडी ही नहीं चला रहे जनाब बल्कि कार में भी शराब की बोतले राखी हुयी मिली है। नशे में धुत्त गुजरात पोलिश का ये वर्दीधारी नशे में गाडी तो चला ही रहा साथ में टक्कर मरने के बाद लोगो को पुलिस का रौब भी दिखा रहा था। बताया जा रहा है कि नशे में धुत पीएसआई ने युवक को थप्पड़ जड़ा और कहा- जो करना है कर लो, मैं किसी को डेमेज नहीं दूंगा। कार में शराब की बोतलें भी मिलीं.
गौरतलब है की पकडे जाने से पूर्व छुट्टी से घर लौटते समय पीएसआई ने जीएसटी कमिश्नर और दो महिला पुलिसकर्मियों के वाहन को भी टक्कर मारी।
दुर्घटना के दौरान कार का एयरबैग भी खुल गया। लोगों ने पीएसआई को कार से बाहर निकाला और फुटपाथ पर लिटा दिया। वडोदरा पुलिस ने राजपीपला जिला एसपी को सूचित किया। ऐसा कहा जा रहा है कि पुलिस कर्मी पीएसआई पढियार के खिलाफ विभागीय जांच हो सकती हैं.. होगा क्या ये तो गुजरात पुलिस ही जाने। लेकिन इतना तय है कि राज्य में शराब बंदी और ऊपर से ऐसे पुलिसकर्मी क्या सन्देश राज्य और राज्य के बाहर ले लोगो को दिया जा रहा है।

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