कोलकाता में अर्धनग्न प्रदर्शन पड़ा महंगा

102 शिक्षक हिरासत में, 86 पुरुष व 24 महिलाएं शामिल


कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेरोजगार हुए शिक्षकों के अर्द्धनग्न जुलूस के पहले ही अराजकता फैलने की आशंका को देखते हुए पुलिस ने शुक्रवार को धर्मतला के डोरिना क्रॉसिंग व सियालदह स्टेशन परिसर के आसपास से कई शिक्षकों को हिरासत में लिया। गौरतलब है की शिक्षकों को हिरासत में लेने के दौरान उनकी पुलिस के साथ कई बार बहस हुई. पुलिस ने शिक्षकों के अभियान के पहले ही 110 शिक्षकों को पकड़ लिया. इसमें सियालदह स्टेशन परिसर से आठ व शेष 102 शिक्षकों को धर्मतला के डोरिना क्रॉसिंग के आसपास से हिरासत में लिया। धर्मतला से पुलिस ने शिक्षक नेता चिन्मय मंडल को भी पकड़ा।
उल्लेखनीय है की नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों की ओर से शिक्षक अधिकार मंच के प्रतिनिधि चिन्मय मंडल ने शुक्रवार को सियालदह से नबान्न तक अर्द्धनग्न जुलूस निकालने की घोषणा की थी।
प्रदर्शन की नहीं ली थी इजाजत : कोलकाता पुलिस अधिकारी के मुताबिक प्रदर्शनकार्यों ने अभियान के लिए कोलकाता पुलिस से रैली, सभा या जुलूस निकालने इजाजत नहीं ली गयी थी, अधिकारी के मुताबिक रैली, सभा या जुलूस निकालने के लिए कम से कम तीन दिन पहले पुलिस को सूचित करना पड़ता है. गुरुवार देर रात को इ-मेल से उन्हें शुक्रवार के अभियान की सूचना दी गयी थी। इतने कम समय में पुलिस की तरफ से सुरक्षा का बंदोबस्त करना संभव नहीं था. इसके कारण पुलिस की तरफ से इस अभियान की इजाजत नहीं दी गई थी।
गौरतलब है कि अप्रैल महीने में सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की शिक्षक भर्ती समिति को रद्द करने का फैसला सुनाया था। इसमें योग्य और अयोग्य शिक्षकों की संख्या करीब 26,000 है। ”योग्य”” शिक्षकों का कहना है कि वे एक बार परीक्षा में अपनी योग्यता साबित कर चुके हैं। वे अपनी नौकरी वापस पाने के लिए अब और परीक्षा देने को तैयार नहीं हैं।

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