सरकार ने लिया बड़ा फैसला
पांच साल से नहीं हुए कोई एडमिशन

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
पश्चिम बंगाल में 348 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल ऐसे हैं जहाँ कोई छात्र नहीं है जिनमें से 119 अकेले कोलकाता में हैं। 2020 से कई स्कूलों में कोई नया प्रवेश नहीं हुआ है। राज्य सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने का फैसला किया है। भाजपा ने ममता सरकार पर शिक्षा व्यवस्था को लेकर आरोप लगाए हैं।
कोलकाता। बंगाल के 23 जिलों में 348 ऐसे सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल हैं, जहां एक भी विद्यार्थी नहीं है। इनमें अकेले कोलकाता में 119 स्कूल हैं। कई स्कूलों में वर्ष 2020 से एक भी विद्यार्थी का दाखिला नहीं हुआ है।
बंगाल सरकार ने इन स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के आंतरिक आंकड़े के अनुसार बिना विद्यार्थियों वाले स्कूलों की फेहरिस्त में उत्तर 24 परगना जिला दूसरे स्थान पर है। वहां के 60 स्कूल विद्यार्थी विहीन हैं। हावड़ा 24 के साथ तीसरे व पूर्व बर्द्धमान 18 के साथ चौथे स्थान पर हैं उत्तर बंगाल का कूचबिहार ऐसा जिला है, जहां मात्र एक विद्यार्थी विहीन स्कूल है। बीरभूम व कलिंपोंग जिलों में ऐसे दो स्कूल हैं। बंगाल में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के प्रदेश महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि यह प्रदेश की स्कूल शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति को दिखाता करता है।
इनमें से बहुत से स्कूल 50 साल से भी ज्यादा पुराने हैं। इनमें अलावा बड़ी संख्या में ऐसे स्कूल भी हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या बेहद कम है। सरकार चरणबद्ध तरीके से उन्हें भी बंद करने की तैयारी कर रही है। दूसरे राज्यों में जहां नए स्कूल खुल रहे हैं, वहीं बंगाल में पुराने स्कूल बंद हो रहे हैं।