मानसून सत्र में हंगामा होने के आसार तय

कल से शुरू हो रहा संसद का मानसून सत्र
सर्वदलीय बैठक में हंगामे की दिखी बानगी

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली :कल से शुरू हो रहे संसद का मानसून सत्र में हंगामे के पूरे आसार दिखाई दे रहे है । आज सर्वदलीय बैठक में इसकी बानगी देखने को मिली। लगभग सभी विपक्षी दलों में सरकार को अपने मुद्दों पर घेरने की तैयारी कर ली है। हालांकि दूसरी ओर सरकार का कहना है कि वो हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।

संसद के मानसून सत्र के पहले 19 जुलाई को इंडिया ब्लॉक की दिल्ली में बैठक हुई और आज सरकार की सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर और बिहार में चल रहे मतदाता पुनरीक्षण अभियान पर लगभग सभी विपक्षी दलों ने सरकार से जवाब मांगा है और इसे संसद में उठाने की बात भी कही है। विपक्ष इन तमाम मुद्दों पर सरकार से जवाब मांगने के मूड में है। विपक्ष का आरोप है कि इन अहम फैसलों पर संसद को अंधेरे में रखा गया। इसके अलावा बिहार में मतदाता पुनरीक्षण अभियान पर भी सरकार को घेरने की तैयारी है। जिसमें चुनाव आयोग के कामकाज पर सवाल उठाए गए। विपक्ष इसे लोकतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की बात बताकर सरकार को कठघरे में खड़ा करने की तैयारी में है।

किसने क्या मुद्दा उठाया?
कांग्रेस से गौरव गोगोई ने ऑपरेशन सिंदूर का मुद्दा उठाया ट्रंप के बयानों पर सरकार से स्पष्टीकरण मांगा।
आप से संजय सिंह ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाया।
सपा से रामगोपाल यादव ने भी पहलगाम आतंकी हमला और कावड में उत्पात का मुद्दा उठाया।
बीजू जनता दल सस्मित पात्रा ने बीजेपी की उड़ीसा सरकार की फेल कानून व्यवस्था का सवाल उठाया। Ncp सांसद सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र सरकार के कृषि मंत्री द्वारा विधान सभा में ऑनलाइन रम्मी खेलने का मुद्दा उठाया इसके अलावा हिंदी भाषा का मुद्दा उठाया

वहीं सरकार भी विपक्ष की घेराबंदी से घबराई नहीं है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू ने कहा सरकार हर सवाल का जवाब तथ्यों के साथ देने को तैयार है। सरकार को पूरा भरोसा है कि वह न सिर्फ विपक्ष के हमलों का जवाब देगी, बल्कि अपने कामों का रिपोर्ट कार्ड भी जनता के सामने रखेगी।

माना जा रहा है कि संसद का मानसून सत्र बड़ा सियासी रण साबित होने वाला है। हालांकि 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलने वाले सत्र में कुल 21 बैठकें होनी तय है। 7 पिछले सत्र के लंबित बिल चर्चा होनी है और 8 नए बिल पर मानसून सत्र में चर्चा कर उसे सरकार उसे पास कराएगी।

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