बाहुबली विधायक रीतलाल यादव की इच्छा मृत्यु की मांग से सनसनी

पत्नी रिंकू कुमारी ने जताया था एनकाउंटर का डर

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
पटना:आरजेडी के बाहुबली विधायक रीतलाल यादव ने आज पटना सिविल कोर्ट स्थित एमपी/एमएलए विशेष कोर्ट में पेशी के दौरान इच्छा मृत्यु की मांग कर सनसनी फैला दी। भागलपुर सेंट्रल जेल से पेशी के लिए लाए गए रीतलाल ने कोर्ट में कहा— “हुजूर, मुझे इच्छा मृत्यु चाहिए… मेरे ऊपर एक के बाद एक केस लादे जा रहे हैं।” साथ ही उन्होंने कोर्ट से अपील की कि उन्हें भागलपुर की बजाय बेउर जेल में स्थानांतरित किया जाए।
पत्नी ने जताया था एनकाउंटर का डर

इससे पहले रीतलाल यादव की पत्नी रिंकू कुमारी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके पति की पेशी के दौरान एनकाउंटर की साजिश रची जा रही है। उन्होंने एक शीर्ष पुलिस अधिकारी पर साजिश का आरोप लगाया था। अब पुलिस मुख्यालय ने पलटवार करते हुए खुद रिंकू कुमारी पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
पुलिस मुख्यालय द्वारा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि रिंकू कुमारी, जो कि जुलाई 2006 से पटना के कोथवां, मुसहरी में नियोजित शिक्षिका हैं, नवंबर 2017 से “विजय कंस्ट्रक्शन” नामक फर्म की साझेदार हैं। सरकारी सेवा में रहते हुए व्यावसायिक गतिविधियों में संलिप्त होना, बिहार सरकारी सेवक आचार नियमावली 1976 का उल्लंघन है। ऐसे में रिंकू कुमारी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है। हालांकि, शिक्षा विभाग की ओर से अब तक कोई आधिकारिक कार्रवाई नहीं हुई है।
रीतलाल पर संगीन आरोप
बता दें कि रीतलाल यादव ने 17 अप्रैल को दानापुर कोर्ट में रंगदारी के एक मामले में सरेंडर किया था। उनके खिलाफ एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज है। 11 फरवरी को पुलिस ने उनके 10 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें 10.5 लाख नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, कई पेन ड्राइव और जमीन से जुड़े कागजात बरामद हुए थे। उनके भाई पर भी एफआईआर दर्ज की गई थी।
पहले बेउर जेल में बंद रीतलाल को, जेल में कथित “दरबार” चलाने की सूचना के बाद 1 मई को भागलपुर सेंट्रल जेल शिफ्ट कर दिया गया था। भागलपुर पहुंचने के बाद उन्होंने कथित हत्या की साजिश का आरोप लगाकर अनशन शुरू कर दिया था।
रीतलाल यादव का यह मामला अब केवल एक विधायक के कानूनी विवाद तक सीमित नहीं रह गया है। उनकी पत्नी रिंकू कुमारी पर लगे आरोपों के बाद अब यह मुद्दा राजनीति, प्रशासन और कानून के त्रिकोण में उलझता जा रहा है। आने वाले दिनों में इस प्रकरण पर शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया और कोर्ट का रुख अहम साबित होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *