बीसीसीआई के वित्तीय मामलों को छोड़ आरटीआई के दायरे में आएगा ?

नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल पर चर्चा

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली :बीसीसीआई को आरटीआई अधिनियम से बाहर रखे जाने कि बात को खारिज किया। जानकारी के मुताबिक सूत्रों के हवाले से खबर है कि उन्होंने कहा कि बीसीसीआई आरटीआई के दायरे में ही रहेगा सिर्फ उसके वित्तीय मामले को हम दायरे में नहीं रखा जा सकता है । इसे आरटीआई से बाहर नहीं रखा गया है। बस इसे मूल अधिनियम के साथ जोड़ दिया गया है। बीसीसीआई के वित्तीय मामलों को छोड़कर बाकी सब आरटीआई के दायरे में आएगा। जब तक सरकारी धन का उपयोग नहीं किया जाता, तब तक किसी महासंघ के वित्तीय मामलों को आरटीआई के दायरे में नहीं लाया जा सकता।

लेकिन महासंघों से जुड़े अन्य मामले अधिनियम के दायरे में आएंगे।” सरकार ने खेल विधेयक को आज भी लोकसभा में सूचीबद्ध किया था । विपक्षी नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस को सलेक्ट कमिटी में भेजना चाहते थे । ज्यादातर विपक्षी दलों का मत है कि सलेक्ट कमिटी में विस्तृत चर्चा के बाद अगले संसद सत्र तक इस बिल को लाया जाए। लेकिन केंद्र सरकार इस बिल को चर्चा कर शीघ्र इस पास करवाना चाहती है। केंद्र सरकार का मानना है कि अगले ओलंपिक में दावेदारी पेश करने के लिए ये बिल पास होना अति आवश्यक है।

सरकार की मंशा को भांपते हुए कांग्रेस पार्टी ने सुझाव दिया है कि वह इस पर चर्चा में शामिल होना चाहती है। मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने सरकार के सामने प्रस्ताव दिया था कि सदन में स्वतंत्रता दिवस की छुट्टी से पहले 12 अगस्त को इस विधेयक पर चर्चा हो सकती है। लेकिन सरकार चाहती थी कि इस पर 11 अगस्त की दोपहर को चर्चा हो। सूत्रों में मुताबिक़ अब सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर बात चीत हो गई है ।स्पीकर के साथ बैठक में सहमति बन गई है । बिल को सेलेक्ट कमेटी को नहीं भेजा जाएगा। यह तय हुआ कि ग्यारह अगस्त को बिल पर लोक सभा में चर्चा होगी अगर विपक्ष को कोई संशोधन करना है तो चर्चा के दौरान संशोधन दिया जा सकता है।

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