इतिहास को भी तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है
सभी केंद्रीय एजेंसिया तृणमूल विरोधी: अभिषेक

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी की छात्र शाखा के स्थापना दिवस पर अन्याय से समझौता न करने का दिया संदेश । गुरुवार को अपने एक्स हैंडल पर तृणमूल छात्र संगठन के सदस्यों को एक पोस्ट लिखकर अन्याय से समझौता न करने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ये भी आरोप लगाया कि स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास को भी तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। मसलन ‘खुदीराम बोस का नाम बदलकर ‘खुदीराम सिंह’ किया जा रहा है। केरल की पाठ्यपुस्तकों में लिखा जा रहा है कि नेताजी अंग्रेजों के डर से भाग गए थे। क्या ये बंगाल के गौरव को कम करने की कोशिश नहीं है? वे बंगाल का इतिहास भूल गए हैं। वे बंगाल को बदनाम करने के लिए पैसे से फिल्में बना रहे हैं।
ममता बनर्जी ने सवाल उठाया कि अगर बंगाली भाषा जैसी कोई चीज ही नहीं है, तो आप राष्ट्रगान ‘जन-गण-मन’ कैसे गा सकते हैं? रवींद्रनाथ टैगोर ने किस भाषा में लिखा था? तृणमूल नेता ने यह भी याद दिलाया कि देश के दो प्रमुख नारे, ‘जय हिंद’ और ‘वंदे मातरम’, क्रमशः नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बंकिम चंद्र चटर्जी, दोनों बंगाली, ने लिखे थे। सीएम ममता बनर्जी ने अपने एक्स हैंडल पर छात्र नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लिखा, “सभी को बधाई। अन्याय के खिलाफ किसी भी लड़ाई में आप मुझे हमेशा अपने साथ पाएंगे। तृणमूल छात्र परिषद के इस ऐतिहासिक स्थापना दिवस पर मैं इसके सभी नए और पुराने सदस्यों को बधाई देती हूं। तृणमूल छात्र परिषद तृणमूल परिवार का एक अभिन्न अंग है। वह बंगाल को बेहतर और मजबूत बनाने की हमारी लड़ाई में भी शामिल हैं। उन्होंने कहा इस खास दिन पर मैं अपने युवा साथियों से कहती हूं, किसी भी परिस्थिति में अन्याय से समझौता मत करना। सिर ऊंचा करके जियो, अन्याय के खिलाफ किसी भी लड़ाई में तुम मुझे हमेशा अपने साथ पाओगे।

वहीं, तृणमूल छात्र परिषद के स्थापना दिवस के मंच से अभिषेक बनर्जी ने राज्य की न्यायपालिका के एक हिस्से की कड़ी आलोचना की। गुरुवार को मेयो रोड स्थित गांधी प्रतिमा के नीचे खड़े होकर, तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव ने आरोप लगाया कि न्यायपालिका से लेकर केंद्रीय एजेंसियों तक, सभी तृणमूल विरोधी हैं। उन्होंने कहा दुर्भाग्य से राज्य सरकार का विरोध करने और तृणमूल कांग्रेस को सबक सिखाने के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायपालिका के एक हिस्से ने बंगाली छात्र और युवा समाज के जीवन में अंधकार लाने की कोशिश की, लेकिन हम सुप्रीम कोर्ट गए और उस आदेश पर रोक लगवा ली। सरकार ने अदालत की अनुमति मिलने के एक घंटे के भीतर ही प्रक्रिया शुरू कर दी।
इससे पहले सुबह पार्टी के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने भी एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “टीएमसीपी एक ऐसा मंच है जो यंग माइंड को अपनी आवाज उठाने, अपनी आकांक्षाओं को साकार करने और उज्जवल भविष्य में योगदान देने के लिए सशक्त बनाता है। हम परिवर्तन, प्रगति और सामाजिक न्याय के लिए अग्रणी आंदोलनों में बंगाल के युवाओं की स्थायी भूमिका को पहचानते हैं।