CJI गवई पर जूता फेंकने का प्रयास, वकील ने सनातन के नारे लगाए

वकील संगठनों ने जताया एतराज,7 अक्टूबर को प्रदर्शन का ऐलान
पीएम नरेन्द्र मोदी ने न्यायमूर्ति बी.आर. गवई जी से बात की
प्रियंका गांधी ने कहा अत्यंत शर्मनाक
न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली :सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक अप्रिय घटना हुई जहाँ वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की लेकिन वे बाल-बाल बच गए। घटना के बावजूद सीजेआई ने बिना विचलित हुए सुनवाई जारी रखी। बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने तत्काल प्रभाव से आरोपी वकील को निलंबित कर दिया है।सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई पर आज कोर्ट रुम में जूता फेंकने की घटना की वकील संगठनों ने निंदा की है। सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन और ऑल इंडिया लॉयर्स यूनियन ने इस घटना की आलोचना करते हुए कहा है कि ये सुप्रीम कोर्ट और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर हमला है। यूनियन की दिल्ली ईकाई 7 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष इस घटना के खिलाफ प्रदर्शन भी करेगी. इस घटना के बाद बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी जूता फेंकने वाले वकील राकेश किशोर का बतौर वकील लाईसेंस निरस्त कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड के सचिव निखिल जैन की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया जाना चाहिए और संबंधित वकील के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला चलाया जाना चाहिए. बयान में कहा गया है कि इस घटना को सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को गिराने की कोशिश के तहत अंजाम दिया गया है .

पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि–भारत के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई जी से बात की। आज सुबह सुप्रीम कोर्ट परिसर में उन पर हुए हमले से हर भारतीय क्षुब्ध है। हमारे समाज में ऐसे निंदनीय कृत्यों के लिए कोई जगह नहीं है। यह अत्यंत निंदनीय है। ऐसी स्थिति में न्यायमूर्ति गवई द्वारा प्रदर्शित धैर्य की मैं सराहना करता हूँ। यह न्याय के मूल्यों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और हमारे संविधान की भावना को मज़बूत करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने सीजेआई पर जूता फेंकने वाले वकील के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया है–सीपीपी अध्यक्ष सोनिया गांधी का वक्तव्य–भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश पर सर्वोच्च न्यायालय में हुए हमले की निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। यह न केवल उन पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी हमला है। मुख्य न्यायाधीश गवई बहुत दयालु रहे हैं, लेकिन राष्ट्र को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ एकजुट होकर उनके साथ खड़ा होना चाहिए।

प्रियंका गांधी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि–माननीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश पर हमले की कोशिश अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। यह सिर्फ देश के मुख्य न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर हमला है। माननीय मुख्य न्यायाधीश ने अपनी मेहनत, लगन और योग्यता के दम पर समाज के सारे बंधनों को तोड़कर सर्वोच्च न्यायिक पद हासिल किया है। उनपर इस तरह का हमला न्यायपालिका और लोकतंत्र – दोनों के लिए घातक है। इसकी जितनी निंदा की जाए, कम है।

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