वर्ली स्टेशन के नाम पर भड़का सियासी तूफान
स्टेशन के नाम से ‘नेहरू’ गायब!
कांग्रेस का वार – “बीजेपी को नेहरू से एलर्जी है”

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
मुंबई :मुंबई में पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेट्रो लाइन 3 का उद्घाटन किया । कफ परेड से लेकर आरे जेवीएलआर तक अब यह मेट्रो लाइन पूरी तरह चालू हो चुकी है। लेकिन उद्घाटन के तुरंत बाद ही वर्ली के ‘साइंस सेंटर’ स्टेशन को लेकर नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।कांग्रेस का आरोप है कि स्टेशन का नाम जानबूझकर‘नेहरू साइंस सेंटर’ के बजाय सिर्फ ‘साइंस सेंटर’ रखा गया है, ताकि पंडित जवाहरलाल नेहरू का नाम मिटाया जा सके।
मुंबई कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सचिन सावंत ने सोशल मीडिया पर बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा –“नेहरूजी का योगदान इतना विशाल है कि बीजेपी चाहे जितनी नफरत करे या उनकी विरासत मिटाने की कोशिश करे, उनके प्रयास उतने ही व्यर्थ रहेंगे — जैसे आसमान की ओर थूकना!”
सावंत ने कहा कि पूरा देश जानता है कि वर्ली का यह इलाका ‘नेहरू साइंस सेंटर’ के नाम से प्रसिद्ध है, लेकिन बीजेपी को ‘नेहरू’ नाम से एलर्जी है। इसलिए स्टेशन का नाम बदलकर सिर्फ “साइंस सेंटर” कर दिया गया। “यह पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान है”
कांग्रेस नेता ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा – “यह कदम भारत के पहले प्रधानमंत्री और विश्व नेता पंडित नेहरू की स्मृति का अपमान है। नेहरूजी की दूरदृष्टि ने भारत को वैज्ञानिक सोच, औद्योगिक विकास और आधुनिक विचारों की दिशा दी।लेकिन बीजेपी की यह हरकत उसकी संकीर्ण सोच और बदले की मानसिकता को उजागर करती है।”
सावंत ने कहा कि यह पहला मौका नहीं है जब बीजेपी ने नेहरू से जुड़ी संस्थाओं के नाम बदले हैं। पहले भी दिल्ली के ‘नेहरू मेमोरियल म्यूज़ियम एंड लाइब्रेरी’ का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय’ किया गया था।इसके अलावा, ‘नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS)’ का नाम बदलकर ‘माय भारत’ कर दिया गया।
उन्होंने कहा की “भारत के महान नेताओं और राष्ट्रनिर्माताओं के साथ जो व्यवहार किया जा रहा है, उसे देखकर पूरा देश चिंतित है। बीजेपी न केवल इतिहास मिटा रही है, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा और अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचा रही है। हम इस शर्मनाक कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं।”
बढ़ेगी सियासी गर्मी
बीएमसी चुनाव की तैयारी के बीच मुंबई में यह नया विवाद राजनीतिक तापमान बढ़ाने वाला साबित हो सकता है।कांग्रेस जहां नेहरू के नाम को लेकर सियासी मोर्चा खोल चुकी है, वहीं अब बीजेपी की तरफ से पलटवार की संभावना भी जताई जा रही है।