40 दिन तक अपने ही घर में बने रहे ‘कैदी’
देश का अब तक का सबसे बड़ा ऑनलाइन स्कैम 58 करोड़ का पर्दाफाश

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
मुंबई :मुंबई में सायबर अपराधियों ने ठगी की ऐसी पटकथा लिखी है, जिसे सुनकर आप भी दंग रह जाएंगे। महाराष्ट्र पुलिस ने देश के अब तक के सबसे बड़े डिजिटल स्कैम का खुलासा किया है , जहाँ ठगों ने एक 72 वर्षीय हाई-प्रोफाइल दंपत्ति को “CBI इन्वेस्टिगेशन” के नाम पर 58 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। पढ़े-लिखे, अमीर, समझदार — मगर ‘डिजिटल डर’ के जाल में ऐसे फंसे कि 40 दिन तक अपने ही घर में ‘कैदी’ बनकर जीते रहे।
ठगों का सेटअप — यूनिफॉर्म, कोर्ट और व्हाट्सएप ऑर्डर!
कहानी शुरू होती है 19 अगस्त से — जब पीड़ित को एक वीडियो कॉल आया। सामने था एक शख्स, जिसने खुद को CBI ऑफिसर बताया। उसने कहा — “आपका अकाउंट मनी लॉन्ड्रिंग में इस्तेमाल हुआ है, 45 लाख का ट्रांजेक्शन पकड़ा गया है, अब आपकी सारी प्रॉपर्टी सीज होगी।”कॉल पर मौजूद ठग CBI की वर्दी में था। पीछे दिखाया गया “CBI ऑफिस” और “कोर्ट रूम” भी । असल में वो था ठगों का फेक सेटअप, जो रियलिटी से अलग करना मुश्किल था। इतना ही नहीं, “कोर्ट ऑर्डर” भी व्हाट्सऐप पर भेजे जाते रहे, ताकि पूरा ड्रामा असली लगे।
40 दिन का ‘डिजिटल अरेस्ट’
ठगों ने दंपत्ति को कहा कि अब वे “डिजिटल अरेस्ट” में हैं। मतलब — न घर से बाहर जा सकते हैं, न किसी से बात कर सकते हैं। वीडियो कॉल हर वक्त ऑन रखना होगा, और हर दो घंटे में रिपोर्ट देनी होगी। दंपत्ति ने डर के साए में अपने सारे बैंक अकाउंट, म्यूचुअल फंड, इन्वेस्टमेंट डिटेल्स ठगों को बता दीं। हर दिन दबाव बढ़ता गया — और धीरे-धीरे 58 करोड़ रुपये ठगों के अकाउंट में ट्रांसफर हो गए।आखिरी ट्रांजेक्शन 29 सितंबर को… और तब तक सब खत्म!
पूरा खेल 19 अगस्त से 29 सितंबर तक चला।
जब बैंक अकाउंट खाली हो गए, तब दंपत्ति ने एक दोस्त को बताया — तभी हकीकत समझ आई कि वे ठगे जा चुके हैं। 11 दिन बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। 10 अक्टूबर को FIR हुई, और महाराष्ट्र साइबर पुलिस ने कमान संभाली।
अब तक 7 गिरफ्तार, 4 करोड़ की रिकवरी
पुलिस ने अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।ठगों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए VPN, फर्जी बैंक अकाउंट्स और शेल कंपनियों का इस्तेमाल किया।कई रकम विदेशों में ट्रांसफर की गई। 9 टीमों की संयुक्त जांच चल रही है, और पुलिस को यकीन है कि आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारी होंगी।
“जब तक बैंकिंग सिस्टम सख्त नहीं होगा, ऐसे स्कैम रुकने वाले नहीं। “इस केस ने दिखा दिया कि ठग अब सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, डर की साइकोलॉजी से भी खेल रहे हैं। बैंकिंग सिस्टम को फर्जी अकाउंट से बचाना और लोगों में जागरूकता बढ़ाना बेहद जरूरी है।”- ADG यशस्वी यादव