राजस्थान में 28 से शुरू होगी SIR प्रक्रिया, W B में 10 DM सहित 17 IAS के तबादले

फरवरी तक 5 करोड़ 48 लाख मतदाताओं की होगी घर-घर जांच
पश्चिम बंगाल में SIR से पहले ही राज्य सरकार ने 10 DM सहित 17 IAS अफसरों के किए तबादले
24 ADM, 15 SDO, 10 OSD भी बदले गए
न्यूज़ बॉक्स संवाददाता

जयपुर:राजस्थान में अब मतदाता सूची को और अधिक सटीक और पारदर्शी बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन ने बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (Special Intensive Revision – SIR) के तहत प्रदेश में 28 अक्टूबर 2025 से 7 फरवरी 2026 तक मतदाता सूची का विशेष सत्यापन और अद्यतन किया जाएगा।यह कार्यक्रम भारत निर्वाचन आयोग के फेज-2 के तहत शुरू हो रहा है, जिसमें राजस्थान -पश्चिम बंगाल समेत 12 राज्य शामिल हैं।

28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक प्रशिक्षण और गणना प्रपत्रों की प्रिंटिंग, 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर जाकर प्रपत्रों का वितरण और संग्रहण, 9 दिसंबर को ड्राफ्ट मतदाता सूची का प्रकाशन, 9 दिसंबर 2025 से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियाँ ली जाएंगी, 9 दिसंबर से 31 जनवरी 2026 तक सुनवाई और सत्यापन की प्रक्रिया और 7 फरवरी 2026 को अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन होगा।

5.48 करोड़ मतदाताओं की जांच, 52 हजार से ज्यादा बीएलओ मैदान में

प्रदेश में इस समय कुल 5 करोड़ 48 लाख 84 हजार 827 मतदाता हैं।इनकी जांच के लिए 52,469 बूथ लेवल अधिकारी (BLO) नियुक्त किए गए हैं।
40 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं की संख्या लगभग 2.61 करोड़, जिनमें से 77% की मैपिंग पूरी हो चुकी है। वहीं 40 वर्ष से कम आयु के 2.88 करोड़ मतदाताओं की मैपिंग का कार्य प्रगति पर है।

प्रशिक्षण और टेक्नोलॉजी से जुड़ाव
बीएलओ और उनके पर्यवेक्षकों का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है, जल्द ही रिफ्रेशर सत्र भी होगा। “Book a Call with BLO” जैसे फीचर से अब कोई भी मतदाता सीधे बीएलओ से संपर्क कर सकेगा। अब तक करीब 5 हजार कॉल्स इस फीचर के जरिए दर्ज हो चुकी हैं। वहीं, मतदाता वेबसाइट https://voters.eci.gov.in पर भी अपनी जानकारी सत्यापित कर सकते हैं।

वंशावली आधारित सत्यापन और पारदर्शिता पर जोर
इस बार आयोग ने “वंशावली मानचित्रण” का नया तरीका अपनाया है।यदि किसी मतदाता के माता-पिता या दादा-दादी का नाम पुरानी मतदाता सूची में मौजूद है, तो पारिवारिक सत्यापन के आधार पर उनकी पहचान सुनिश्चित की जाएगी — इससे अतिरिक्त दस्तावेजों की जरूरत नहीं पड़ेगी।

राजनीतिक दलों और मीडिया की साझेदारी
चुनाव आयोग ने सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और मीडिया को भी इस अभियान में जोड़ने की योजना बनाई है।
जिला स्तर पर मीडिया सेल बनाए गए हैं और सिर्फ जिला निर्वाचन अधिकारी (DEO) ही अधिकृत प्रवक्ता होंगे। स्कूलों, कॉलेजों और पंचायत स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा।
महिला मतदाताओं को प्रेरित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों और राजसखियों को जोड़ा जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *