लोकसभा में 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 पेश

न्यूज़ बॉक्स संवाददाता
नयी दिल्ली :लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 पेश किया। इस बिल में मुख्यमंत्री, राज्यों के मंत्री के इस्तीफे का प्रावधान है। इस बिल के तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और राज्य मंत्री अगर गिरफ्तार होते हैं तो उन्हें पद से हटना होगा। वहीं ये नियम केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री और मंत्रियों की गिरफ्तारी के बाद भी लागू होगा। सीरियस क्रिमिनल चार्ज में डिटेन होने पर भी उन्हें पद से हटाया जाएगा।
गौरतलब है कि आज लोकसभा में आज गृह मंत्री अमित शाह ने तीन बिल पेश किए। इसमें कंस्टीट्यूशन अमेंडमेंट बिल 2025 भी पेश किया। इस बिल का विपक्षी सांसद जोरदार विरोध कर रहे हैं। इसी दौरान केरल के अलझुपा से कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि जब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे अपने ऊपर आरोप लगने के बाद भी नैतिकता का पालन नहीं किया था। उनके इस आरोप पर शाह बिफर गए और उन्हें पूरी बात बताई।
दरअसल, संविधान संशोधन विधेयक 130 का विरोध में कांग्रेस सांसद के सी वेणुगोपाल बोल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने आरोप लगाए कि जब अमित शाह गुजरात के गृह मंत्री थे तो उन्होंने नैतिकता का पालन नहीं किया था। इसी बात पर अमित शाह ने वेणुगोपाल को घेर लिया।वेणुगोपाल को टोकते हुए अमित शाह अपनी जगह से उठे। उन्होंने कहा कि मुझे सुनो जरा, मुझे सुनो ना.. पहले बैठ जाओ। उन्होंने कहा कि मैं रिकॉर्ड साफ करना चाहता हूं कि मुझपर झूठे आरोप लगाए गए थे। उन्होंने कहा कि मैंने नैतिकता के मूल्यों का हवाला देकर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने कहा कि मैंने अरेस्ट होने से पहले अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। शाह ने कहा कि जबतक मैं कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं हो गया तबतक मैंने कोई पद ग्रहण नहीं किया।
इसी दौरान विपक्षी सांसदों ने सदन में संविधान संशोधन बिल की प्रतियां फाड़कर गृह मंत्री अमित शाह की तरफ फेंक दी। बिल का विपक्षी दलों ने जमकर विरोध किया। हालांकि, अमित शाह ने कहा कि वो इस विधेयक को सिलेक्ट कमिटी में भेजने का प्रस्ताव करेंगे जिसमें लोकसभा और राज्यसभा के सांसद होंगे।
बता दें कि हाल ही में जांच एंजेसियों ने कुछ राज्यों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया था। लेकिन इनमें एक मुख्यमंत्री ने गिरफ्तारी के बावजूद इस्तीफा नहीं दिया था। दरअसल प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के तत्कालीन सीएम अरविंद केजरीवाल को एक मामले में गिरफ्तार किया था लेकिन उन्होंने जेल जाने के बावजूद अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया था।
वहीं ED ने झारखंड के तत्कालीन सीएम हेमंत सोरेन को भी एक मामले में गिरफ्तार किया था लेकिन उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी गिरफ्तार हो चुके हैं। ऐसे में अगर नया विधेयक पास हो जाता है तो इसका सीधा मतलब होगा कि पद पर बैठे नेता को कुर्सी छोड़नी होगी।